________________
(५)
प्रकाशकीय निवेदन
कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य भगवंतनी नवम जन्मशताब्दीना वर्षे (सं. २०४५) रचायेल आ ट्रस्ट तरफथी, श्रीहेमाचार्यनी अमर रचनारूप ग्रंथ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित महाकाव्यनो चोथो भाग प्रगट करता अमोने अनहद आनंद थाय छे.
पूज्य आचार्य श्रीविजयसूर्योदयसूरीश्वरजी महाराजनी प्रेरणाथी रचायेल आ ट्रस्टे त्रिषष्टि० भाग १, २, ३ एटले के अनुक्रमे १, २-३-४, अने ५-६-७ एटलां पर्वोनी समीक्षित वाचनाना जण ग्रंथो आ पूर्वे प्रगट करेल . आजे तेना चोथा भागरूप आ ग्रंथमां पर्व ८-९नी सम्पादित समीक्षित वाचना प्रगट भई रही छे.
हवे, आ ग्रंथना शेष बे अंशो - १० मुं पर्व तेमज परिशिष्ट पर्वनुं पण प्रकाशन करवानी अमारी धारणा छे. आ ग्रंथना प्रकाशन माटे अमदावादनी श्रीजैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक बोर्डिंग-संस्था तरफथी वणो आर्थिक सहयोग प्राप्त थयो छे, ते माटे अमो ते संस्थाना ऋणी छीए.
Jain Education International
-X
लि.
कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य
नवम जन्मशताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधिनो ट्रस्टीगण
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org