________________
मणोहर] शब्दकोश
[१६७ भोमकुमार-(= भवनवासियोंका एक भेद ) १६.१.४
मंति-मंत्री २.५.१,२.६.२,२.८.११;२.६.१,२.६.१०;६.१४.६ भोय-भोग २.४.७
मंद-त स (=रोग प्रस्त) ७.६.३ भोयण-भोजन २.१३.५;६.८.६
मंदर-त स ( = मेरु पर्वत ) ११.६.१०,४६.१.८ मंदार-त स मंद + आर (=शनि तथा मंगलग्रह )
१३.८.१० म-(= निषेधार्थक अव्यय ) १.२..
मंदार-तस (= मदार वृक्षका फूल) १४.४.४ मइ-मति ३.८.८;६.१६.२
मंदिर-त स १.६.१;६.१२.२;८.१५.१ मइंद-मृगेन्द्र ६.२.६:८.१.५
PV मंभीस-मा+ भी (= अभय देना) Vमइल-मलिनय ( =मैला करना)
पू० कृ० भंभीसिवि १३.२.१ कर्म० वर्त० तृ० ए० मइलिजइ ३.४.८
®मंभीस-(= अभय ) ११.४.८ भू. कृ० मइलिय ५.४.३;११.२.१२
मंस-मांस ७.१०.१५ म उड-मुकुट ६.१८.१०.४.३
मगह-मगध १.५.१ मउण-मौन १३.१४.६
मग्ग-मार्ग १.१०.६१.११.१.१६.२,२.४.५ मउद्द-मर्दल (= एक वाद्य ) ८.१८.३
Vमग्ग-मार्गय (= मांगना) Vमउल-मुकुलय (= संकुचित होना)
वर्त० तृ. ब. मग्गंति ११.४.३ कर्म० वर्त० तृ० ए० मउलिजइ १४.१४.१३
मग्गण-मार्गणा ३.४.६;६.१७.३,१४.३.७ कर्मः वर्त० तृ० ब० मउलिज्जइ ५.१.१०
मघवा-(= तीसरा चक्रवर्ती) १७.१९.२ भू० कृ० मउलिय १०.११.३
मच्चण--मदन (= मत्त होना मच्च-मद हे० ४.२२५) प्रभू.कृ० मउलावियय १०.१२.१२ मं०-मा (= निषेधार्थक अव्यय )
मच्छ-मत्स्य २.१२.४,१४.१६.३,१८.३.८ वर्तमानकालके साथ-१.२.६
मच्छर-मत्सर ४.३.६ आज्ञार्थके साथ-१.२०.११.२०.२
मज्ज-मद्य २.६,८१७.५.७ भविष्यके साथ १.१५.११.१६.१०
मजाय-मर्यादा (दे० ना० में मजा ६-११३) १४.१६.७ ' विध्यर्थके साथ ५.६.५
मझ-मध्य १.१.२ ( बहुशः) मंकुण-मत्कुण (= खटमल) १८.३.५
मज्भत्थ-मध्यस्थ १.१८.१;६.४.१३,१२.४.. मंकोडा-(=मकडी; दे० ना० मक्कोडा ६.१४२) १८.३.५
मझिम-मध्यम (=बीचका ) ५.११.३;६.२.१ मंगल-त स (= शुभ ) १.१.१२,१५.७.५
मढ-मठ १.६.३,१३.२.५ मंगल-त स (१= इस नामका ग्रह ) ११.१.१३
मढिय-(= व्याप्त) १३.११.१ (२= इस नामका दिन ) १३.६..
मणि -त स १.७.२,२.१५.३ Vमंड-(=भूषित करना)
मण-मनस १.६.६,२.४.११;३.६.१%B४.१.४६.३.५%; वर्त० तृ० ए० मंडइ ८.५.६
८.३.१०,११.६.३,१४.२६.६ भू० कृ० मंडिय १.७.५,२.१.१५.१.४६.१८.१०
मणहर-मनोहर १.७.८१.२३.४,३.१४.२६.१.३ ८.२०.६
स्त्री-मणहरा ३.६.८ *मंड-(= हठात्-जबर्दस्तीसे ) ११.४.१४
मणहारिय-मनोहारिन् २.२.४ मंडल-त स (= प्रान्त) १.५.७६.५.४
मणहिराम-मनोभिराम १.७.५;५.२.२;६.१४.४ मंडलिय-माण्डलिक (= गोलाकार ) १४.१२.७
मणुव--मनुज ( = मनुष्य ) १.२२.८:२.१३.१; मंडव-मंडप १.७.३,६.१०.८ मंत-मंत्र ३.१.२,३.६.३;७.१.८,११.८.७,१४.१८.६
-मणुय १६.१.४ Vमंत-मन्त्रय (= गुप्त परामर्श करना)
मणुस-मनुष्य १.१२.११ वि. द्वि०ए० मंतिजहि ५.६.६
मणोरह-मनोरथ १०२.६,१३.५.५ ... -मंत्रणा ( = गुप्त मालोचना) ५.६.६,१३.५.१
मणोहर-मनोहर १.२.६%)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org