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________________ - १६, १४, १२ ] Jain Education International पासणाहचरिउ १३ हिमवंत - महाहिमवंत - णिस fre यहि सेलहि दह रउद्द तहि दहहि पउम थिय जल- पमाण गंगा-उणीसरि तेहि इह दी हों दूणउथिउ समुद्दु अत्थाहु अगाहु अनंत-तोउ चालीस थियउ जोयणइँ गहिरु ass पमाणु जोयेrइँ अट ते तेहाँ जोयणहँ लक्खु जोय देह सहस ताहु वारु धत्ता- रयणायरु रयणहँ भरियउ महिमइ धरियउ को तहु जलु आसंघइ । मयर - मच्छ-संवेलियउ पउ वि ण चलियउ समय कया विण लंघइ ॥ १३ ॥ १४ तहाँ दूणउ धोइय खंड होइ दुइ मेरुतित्थु थिय कणय-वण्ण ऍaari हो चउतीस खेत तणील - प्पि - सिहरिय-पसड्ढे । जोयण-सहस्स-गंभीर रुंद । परसह देव "देवहि समाण । गिरि - सिंहरि वह हि पुव्वावहि । जोयहँ लक्ख दुइ अइरउछु । को लिलों पावर तासु छेउ । वेला महल्लकल्लोल-पवरु ! उ - दिसिहि मि वडवाणल " णिविट्ठ । जोयण-सय- सहसचयारि सोइ । पुव्वावर - भायहि ते णिसण्ण । कुलपव्वय-वर-णइ-सैय-विहत्त । सरि-विजयहँ अचलहँ तित्थु ते वि । खत्ता परिमाणें तित्थु सो वि । कैलोउ गाउ जहि झस असंक्खं । जोयहँ लक्ख सोलह पमाणु । far सोत्तरु हु कमेवि । तं " दीउ महागुणुं सव्व-काउ | जिण-भवणइँ णंदणवणइँ जेत्थु । विचित्तइँ भररावय- सहियइँ | वण-काणणइँ महंतइँ अत्थि अनंतइँ जंबू-धाइय-कहियाँ || १४ || जंबूदीव के वि जो जंबूदीवेा विसर को वि ast दूणउ सायरु अट्ठ लक्ख तहाँ परिण दीउ पाक्खरु वियाणु ast अद्वे वलयायारु लेवि "तं पक्खरद्ध किउ तासु गाउ कंचणमय दुइ अचलिंद तेत्थु घत्ता - तहि कुलगिरि-इ-खेत्तइँ अस्थि सहु पत्रर्णे विसर जलु असंखु । चंदुग्गमे वड्ढइ जल अपारु । [ १४५ (१३) १ क- तहि । २ ख- रुप्पे सिहरीय। ३ क- आयरे सेलह । ४ क- रुद्द । ५ ख में यहां यह अधिक पाठ है- दीर्घ योजना ॥ १००० विस्तार ५०० अवगाहना १० पद्महद प्रमाणं ॥ ६ ख - देवहि । ७ ख सिहरे । ८ ख- पुत्राय । ९ खदीवह । १० ख - सलिलहु पावउ । ११ ख- जोयणहि । १२ क- विट्ट । १३ ख तहु । १४ ख- दस । १५ ख - संचलिं । (१४) १ क- धाइखंड । २ ख- होइ । ३ क तहु । ४ ख खित्त । ५ क सइ । ६ ख - णार्मे । ७ ख- को । ८ क में यह पद छूटा है । ९ क- वह विभव को । १० क- फुड्डु खेत्तमाणे तित्थु । ११ ख- तह । १२ क- कालोअ णाम । १३ क - तहे । १४ ख - माणुसोतरु गिरि । १५ क- ति पुक्करछु । १६ ख - संदीउ । १७ क१८ ख- खित्तई । गुण सर्व । सं. १९ For Private & Personal Use Only 5 10 5 10 www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
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