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- ९, १४, १० ]
उ अत्थाणो णरवेरिंदु उउ सीहास कुवि दलंतु उधरण घाउ देंतु उउ कुं विभड करयल धुणंतु उट्टिउ कुँ वि भडु करवाल- हत्थु उतहँ मोतिय-हारु तुर्डे उद्वंत वेगें णरवराहुँ"
उत हल्लिउ धरणि त्री
उत हल्लिउ जगु असेसु
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पासणाहचरिउ
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घत्ता - उद्वंतहँ सयल-रिंदहँ पहु-हयसेणहों राय सह । चंदु में पवण-समाहय-खुहिय समुहों वेल जिह ॥ १३ ॥
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(१४) १ ख- हिं ७ क य । ८ क, ख
मुकुसु र उहे णं गईंदै | घण- कुसुम-परु पायेहि मैलंतु । दाहिण करेग असिवेत्तु तु । दtors मरु मरु ऍउ भेगंतु । ताडंतु गणि हत्थेण हत्थु । रोमंचें पुव्व-पहारु फुट्ठे | मणि-रण गलिय णं फल दुमाहुँ । गउँ खयहो जणुं तं कुम्म गीः ।
दल लिउ यहि पायालि सेसु ।
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फालय र मज्झ भेरि तह' सद्दे णिग्गय सयल जोह पल्लाणिय सुहडहि वर तुरंग रह-कड़िय णिग्गय णरवरिंदें णीसरिउ पुरों बलु चाउरंगु हयसेणु वि मंगल - विहि करेवि
for पाइकहि" वरेहि परिरिउ रहहि णरवेई सहि धत्ता - आरूढउ रहेवरि णरव विविह- महाउह-गहिय करु | दप्पुभ पउमालिंगिउ गाइ गहंगणे तिमिरहरु || १४ ॥
॥ संधिः ॥ ९ ॥
णं गजिय पंचाणण- किसोरि । सण्णद्ध समच्छर बद्ध-कोह | करि घरि असेहि पर खम्ग । मय- भिंभल गुडिय महागइंद | रुद्धंतु असेसु वि' कुहिणि मग्गु । णीसरिउँ पुरहों रहवरें चडेवि । धय-छत्त - चिंध - असिवर - धरेहि" । मण-पत्रण वे बहु-विह-हएहि ।
३ क
सिं । ४ ख णे । ५ क - यहे । ६ ख दलंतु भडू को वि करयल । ११ ख- पभ । १२ ख- भड्डु को विक' ।
(१३) १ क- 'वरें । २ क- दु । ८ क- "हे । ९ ख- पुण विलें । १० ख - १४, १५ ख ह । १६, १७ क ह । १८ ख- पीढ़ | १९ ख य । २० ख- जण्णजं । २१ ख- द्व | २२ क- भुअहो । २३ क गरें । २४ क- क्खु । २५ क- मुख-मुद्द |
२ क- 'है । ३ क - हो । ४क - 'ढि । ५ क- ' । वर । ९ क- 'हे । १० ख- 'ग' । ११ ख- र । १२ ख- णरवइ रहवरे ।
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७ ख - को ।
१३ ख - यणे ।
६ क में यह पद छूटा है ।
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