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पउमकित्तिविरइउ
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सहु जूहें गयवरु असेणिघोसु for जूहों सलहों करइ रक्ख जे राय-पह आवंति सत्थ पउमणि- वरगाहि मणहरेहि मय-मत्तु विज्यु गिरि-सिहरि देह लीलइँ अवगाहइ सरिहि सलिलु दयर-जाइ - कीला-पसत्तु परिहव - सहास वाण खयहाँ णिंतु
हिँडेर अणुराएँ वणु असेसु । सल्लइ-वर-पल्लव चरइ दक्ख । जूहाहि लूडइ ते समत्थ । fats वर - करिणिउ थिर-करेहि । उम्मूलिवि तरुवरु करि करे | मयरंद-गंधे- बहलच्छ - विमलु । मयणाउरु रइ-रस-राय-रत्तु । परिभमर गयाहि विज्यु दिंतु ।
घत्ता - करिणि संगमासत्तउ विसय-पसत्तर जलणिहि - सरिसहि" मणरहि“ । म महिहि वर-मयल ससि-कर- णिम्मलु पउम - विहूसिय-सरवरहि ॥ २३ ॥
॥ संधिः ॥ १ ॥
[ १,२३, १
(२३) १ ख- आसिघोसु । २ ख- हियडइ । ३ ख में यह पंक्ति छूटी है । ४ ख- पहे । ५ ख - णालई । ६ खविज्झु गरि । ७ ख - 'ले' । ८ ख- 'रे । ९ ख - गंध ह विमल । १० ख - मंदयर
१२ ख- वेज्झ देंतु । १३ ख- मय मत्तउ
।
१४ ख- हरेहि । १५ ख- में यह पूरी
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११ ख- उर सरय स राय रतु । पंक्ति छूटी है ।
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