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द्वितीयं परिशिष्टम् ।
३५३
वच्छा
भग्गिा । जमयग्गि भच्छंदम
३८ परिव्राजक-परिव्राजिका-पासण्डा-ऽऽजीवकर्षि-तापस-तापसपुत्र-तापसपल्यः गोसाल जमयरिंग
मिरिइ गोसालय ।
मिरियी बीवायण
मिरी गोसाल परसुराम
मिरीची चंडकोसिभ पारासर
मिरीयी। जम भइरवायरिय
रेणुया
वसुभाग विसाल विसाहिल सइवायरिय
कमढ
कविल
णिसह
तुंगिय
सम्मेय सम्मेयगिरि सम्मेयसेल
३९ पर्वताः
मेरु बक्खार वलाहय विज्जुप्पम
सेयकूड सोमणस
भट्टाक्य अंबरतिलय उज्जयंत उबेत उसभड उसहकूड
दसण्णय
कणयगिरि कालिंजर खीर गंधमायण चुल्लहिमवंत जलणगिरि
मंदर
सिरिपव्वयं
हिमवंत ।
वेयड्ढ
माणुसोत्तर मालवंत
सतुंजय
सुसेल सुहावह
४० पल्ली कालजिन्भा
अणुंधरी कमढ
४१ पुरोहितास्तत्परिवारश्च मरुभूह
वरुणा मरुभूति ।
वसुंधरा
विस्सभूति
४२ प्रातवासुदेवाः
४३ प्रव्रजितलिने
४४ बलदेव(कृष्णभ्राता)नामानि
हलहर
• आसग्गीव
तारय
महु
भागवय
सेयंबर
मेरक
दमियारि णिसुंभ पल्हाभ
जरासंघ । जरासंधि जरासिंधु जरासेंघ
रावण
हलाउह हलि
रोहिणेय
बलि
रामण दससिर
सीराउद्द
हलीस
४५ बलदेवाः
अपराजिय भयल
भाणंद शंदिमित्त
बल बलएव ।
राम । रामभद।
विजय सुदंसण
सुप्पभ
सुप्पह
।
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मग्गिबोम
४६ ब्राह्मणास्तत्परिवारश्च दामोयर
बंधुमई । देवसम्म
बंधुमती | नानजी
४७ मल्लो चाणूर मुठ्यि
कविल । कविलग | कोसिय अण्णयत्त
मम्गिभूइ
संडिलायण सिदभट्ट सुलक्षणा सोमा
उसहदत्त
देवाणंदा धरणिजद
भारद्दाम मुद्धमट्ट
थावर
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