SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 383
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३५८ प्राकृतपैंगलम् हंत २.१६५ दुःखव्यंजक विस्मयादिबोधक | हर १.१९५ महादेव हासइ १.५९ अव्यय हरणा २.१५५ हरण करने वाला हिंदू १.१५७ हंसपअं (हंसपदं) १.६२ हंस की गति *हर (सं० हर:) १.१५ षट्कलगण का नाम हिअअ (हृदय-) १.१७९, १.२०४ *हंसीआ (हंसिका, हंसी) १.९९ रसिका छंद *हरिगीअ (हरिगीता) १.१९१ छंद का नाम | | हिअला ( हृदय-लकं) १.१६६ हृदय का भेद *हरिणो (हरिणः) १.११ काव्य छन्द का | हीण (हीन) १.१९८ रहित, हीन *हंसीआ (हंसिका) १.६२ गाथा का भेद भेद हिण्णो (हीनः) निकृष्ट १.३ हय १.८७ घोडा *हरिणी (हरिणी) १.६१ गाथा का भेद | हीर (हीर नामक छंद) १.१९८ हउ (अहं) १.१३० मैं हरिबंभ (हरिब्रह्मा) १.१०८ कवि का नाम | हीरा (हीरकः) १.७७ हीरा हक्क १.२०१, २.९५, २.१५९ हाँक, डाट Vहलहल (ध्वन्यनुकरणात्मक क्रिया) हिलना, | *हीरु १.१२३ छप्पय छंद का भेद हट्ट (हठ) १.११६ काँपना, हलहलिअ (भूत० कर्म० | *हीरो (हीरः) १.१६ पंचकल गण का नाम हणुआ (हनुमान्) १.७४ कृदन्त०) १.८७ (55) Vहण हण २.१६१, हणइ १.१३५, २.१६५, | Vहस (Vहस्) हँसना, हसइ २.८३, हसिऊण | हे २.१३ संबोधनवाचक शब्द हणिअ १.१०४, १.१९५, हणु (हसित्वा) पूर्वकालिक रूप १.७१, हेओ (हेयः) १.३ त्याज्य १.१८५, मारना ___ हसंतउ २.१४९, हसंती २.१६ | हेट्ठ (अध:) १.१४ नीचे हत्ति (हत इति) २.१४७ हाकंद (हाक्रन्दः) १.३७, १.९२ हाहाकार |Vहो (सं० Vभू) हि० होना, रा० होबो, हो हत्थ (हस्त) १.१८२ हाथ *हाकलि १.१७२ छंद का नाम (वर्त० प्र० ए०) (भवति) १.९४, हत्थअल (हस्ततल) २.१०२ हार (हारः) १.५३, १.७७ हार होइ (वर्त० प्र० ए०) (भवति) १.२, हत्थि (हस्तिन्) २.१३२ हाथी हार (हार:) १.५८, १.१५०, २.१३३ १.४, १.५, १.८, १.९१, होंति हत्थी (हस्तिन्) २.११३ हाथी गुरु (5) (वर्त० प्र० ब०) (भवति) १.१२, हमिर १.२०४ हम्मीर, नाम हारव १.१५१ हाहाकार १.१३ होउ २.६९ हाँते (वर्त० हम्मीर (हम्मीरः) १.७१ हम्मीर, नाम *हारावलि १.२१ प्रथम द्विकल गण (5) कृदंत० करण ए०) १.९१, होतं हयवरु (हयवर) १.१७९ घोड़ा का नाम २.४१, हुआ २.१५७ Vहर (Vह-) हर २.६, हरना, अपहरण करना, I *हारी (हारी नामक छंद) २.३५ हृद (सं० हृद) हि० रा० दह (रा० उच्चा० द हरे १.१४५, हरंती २.१६ Vहास (हस+णिजंत) ह्यस करना, कम करना, (da:)) हृदहिँ (हृदे) १.७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001440
Book TitlePrakritpaingalam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages690
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy