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प्राकृतपैंगलम्
मल २.६ पाप
| Vमिट + णिजंत मिटाव (वर्त० प्र० ए०) | *मेहाअरु (मेघाकर) १.१२३ छप्पय छंद मलअ (मलय) १.१३५, २.१९५ मलय | १.४९, मिटावा २.१०१, मिटावहि का भेद पर्वत
१.४० मिटाना
मेह २.८१, २.८९, मेघ, वर्षा मल्लिआ (मल्लिका) २.७०
Vमित्त (मित्र) १.३५, हि० रा० मीत । मोइणि २.९३ मछली विशेष मह (मध्ये, मध्य) अधिकरण- परसर्ग मिल-(णिजंत) मिलाव (वर्त० प्र० ए०)।
मोक्खा (मोक्ष) १.११९, २.३४ १.८८, १.१०६, २.३८. २.१५५ १ .४८ मिलाना
मोत्तिअ (मौक्तिक-) १.१७८ मोती Vमिल मिलइ २.५७ मिलंत (शत्रन्त वर्त०
मोत्तिअदाम (मौक्तिकदाम) २.१३३ छंद महँ १.१४७ में
कृदंत) १.४६, मिलिआ १.५, तु०
विशेष महण (मथन) २.१९५, २.१०९
हि० मिलना, रा० मिलवो-मलबो,
"मोदअ (मोदक) २.१३५ छंद नाम "महामाई (महामाया) १.६० गाथा का भेद
गु० मळवू.
मोर (मयूर) २.८९ मोर 'महालच्छिअ (महालक्ष्मी) २.७६ छंद का मुंच (Vमुच्) मुंचहि (मुच्च) (आज्ञा म०
*मोरो (मयूरः) १.११३ काव्य छंद का भेद ए० १.७१) छोड़ना
मोलिअ (मोटित) मोलिआ २.१११, १.१८५ मही (मही) १.९६ पृथ्वी
*मोहो (मोह:) १.११४ काव्य छंद का भेद महिला महिलं (महिला) २.११५ स्त्री
मुंड २.६९ मुअल (मृत) १.१६० मरे हुए
| Vमोह मोहए १.१५८ मोहित होना महिहरु (महीधरः) १.९६ पर्वत मुक्ख (मूर्ख) १.१६९
*मोहिणी (मोहिनी) १.१३६ रड्डा छंद का *महु (मधु नामक छंद) २.५ मुग्गर (मुद्गर) २.१६९ आयुधविशेष
भेद महु (मधूक) १.१६३
Vमुच्छ (Vमूर्च्छ) मुच्छि, (मूच्छित्वा) महुअर (मधुकर) १.१३५ भौंरा
(य) पूर्वका० रूप १.९२, मुच्छिअ महुआण (मधुपान) १.२०७
१.१४७ मूच्छित होना
यो २.१५ यगण *महुभार (मधुभार) १.१७५ छंद का नाम मुट्ठि (मुष्टि) २.७१
*यगण १.३५. आदिलघु वणिक गण (155) माअंग (मातंग) २.११६ हाथी
मुट्ठि (मुष्टिक) १.२०७ दैत्य का नाम "माआ (माया) २.२८ छंद नाम
| Vमुण मुणहु (आज्ञा म० ब०) मुणो १.७५, माआ (माया) १.१८० दया माई (माता, मात:) हि० रा० माई १.३
२.१२७, मुणेहु १.४२, मुणिज्जो
रंग १.२०१ युद्धभूमि २.३७, मुणिज्जइ २.१७०, मुणिज्जे
रंजण २.१६३ खुश करनेवाला माण (मान) १.६७, २.७०, २.१६३ ।। "माणस (मानस) १.२१ प्रथम द्विकल गण
रंजणु १.१२३ खुश करने वाला २.१०६, मूणिज्जसु १.४३,
रंड १.६३ विधवा
मुणिआसु १.१३९, मुणि २.१७०, (5) का नाम
रंध (रंध्र) २.१६५ छिद्र
जानना माणिणि (मानिनी) १.६, १.६७ मानयुक्त
रंभअ २.९३ कदली, रंभा नायिका
मुद्दहरा (मुद्रागृह) १.१७४ घर का खजाना
मुद्ध (मुग्ध) १.२१, प्रथम द्विकल (5) गण माणिअ माणिआ २.१५६, १.१७१ माना
Vरअ (/रच्) रएइ (रचयति) (वर्त. प्र० ए०) का नाम
१.७४, रअइ २.८४, रइअं २.१९,
२.१५४ "माणी (मानिनी) १.६१ गाथा का भेद ।
मुद्धि १.११४, १.१८६ प्रेयसी, २.१२४, मुग्धा नायिका
रअणं २.१५४ रचना Vमार मारु १.१४७, २.१२३ मारणिज्ज मुद्धिणि (*मुग्धिनी) १.७० नायिका
रअणि (रजनि) १.८६, १.१५८ रात (मारणीय) २.१५१ मारना
रअणी (रजनि का) २.१८ रात मुह (मुख) १.६९, २.१५२ आदि मालव १.१५१ मालवा, देश विशेष
'रअणु (रत्न) १.१२३, छप्पय छंद का भेद * मालिणी (मालिनी छंद) २.१६४ मुह Vमुहिअ १.१५१ मोहित होना
रइ (रवि) १.७४ रइरहचक्क (रविरथचक) *मालइ (मालती) २.५४ छंद का भेद मेइणि (मेदिनी) १.१४७ पृथ्वी, जमीन
१.७४ 'सूर्य' मार २.१६५ कामदेव
मेच्छ (म्लेच्छ) मेच्छ-शरीरं (म्लेच्छशरीरं) रक्ख (रक्ष) रक्खे २.१२, रक्खो १.२, *मालत्ती (मालती छंद) २.११२
१.१४७, २.१२८, १.७१, मेच्छहके
रखो २.८, रक्षा करना माहव (माधव) २.१४० वसंत
१.९२, यवन
रगण १.३६, मध्यलधु वणिक गण (55) मिअ (मृग) १.१६४ मेटिज्जसु (विधि म० ए०) १.३९ मिटाओ
रग्गण २.१६० 'रगण' (515) मिअणअणि (मृगनयनि) १.८६, १.९७ मेरु १.४४, २.११३ सुमेरु पर्वत, वर्णमेरु
| रच रचि (पूर्वकालिक रूप) २.६० रचना, *मिएंद (मृगेन्द्र) २.२१ छंद का नाम *मेह (मेघ) १.९३ रोला छंद का भेद
बनाना
हुआ
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