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अंगविज्जापइण्णयं १३३१-४७ (८०) दस आहार
१०७ दस आहार अंगों के नाम, फलादेश और एकार्थक शब्द
१३४०-४५ इन पद्यों में प्राकृत क्रियापदों का संग्रह है १३४८-६७ (८१-८५) नीहारपटल
१०७-८ १३४८-५८. ८१ दस नीहार अंगों के नाम, फलादेश और समानार्थक १३५४-५७. प्राकृत क्रियापदों का संग्रह १३५९-६७. ८२ दश आहाराहार आहारनीहार नीहाराहार
नीहारनीहार अंगों के नामादि का अतिदेश १३६८-१४४८ (८६-९५) दिक्पटल
१०८-११ ८६ सोलह पौरस्त्य, ८७ सोलह पाश्चात्य, ८८ सतरह दाक्षिणात्य, ८९ सतरह
औत्तराह, ९० सतरह दक्षिणपूर्व, ९१ सतरह दक्षिणपाश्चात्य, ९२ सतरह उत्तरपाश्चात्य, ९३ सतरह उत्तरपौरस्त्य, ९४ बारह ऊर्श्वभागीय, ९४ तेरह अधोभागीय
अंगों के नामों का अतिदेश, स्पर्शानुसार फलादेश और समानार्थक १४४९-६८ (९६-९९) प्रसन्नाऽप्रसन्नपटल
१११-१२ ९६-९९ पचास प्रसन्न, अप्रसन्न, अप्रसन्नप्रसन्न, प्रसन्नअप्रसन्न,
अंगों के नामों का अतिदेश, फलादेश और एकार्थक १४६९-९७ (१००-३) वामपटल
११२-१३ सोलह वामप्राणहर, सोलह वामधनहर, अट्ठावन वाम सोपद्रव और तीस
संख्यावाम अंगों के नाम, फलादेश और एकार्थक १४९८-९९ (१०४) ग्यारह शिव
११३ ग्यारह शिव अंगों के नाम और फलादेश १५००-८ (१०५) ग्यारह स्थूल
११३-१४ ग्यारह स्थूल अंगों के नाम, फलादेश और एकार्थक १५०९ (१०६) नव उपस्थूल अंग
११४ १५१० (१०७) पचीस युक्तोपचय अंग
११४ १५११ (१०८) बीस अल्पोपचय अंग और (१०९) बीस नातिकृश अंग १५१२-१८ - (११०) सतरह कृश
११४ सतरह कृश अंगों के नाम और समानार्थक १५१९-२० (१११) ग्यारह परंपरकृश
११४ ग्यारह परंपरकृश अंगों के नाम और फलादेश १५२१-२८ (११२) छब्बीस दीर्घ
११४-१५ छब्बीस दीर्घ अंगों के नाम, फलादेश और समानार्थक
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