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________________ मामाtin दि गत्सामा गनिभिना हावा मद धनवदियाणाबा सिंगा www.jainelibrary.org याद ग मारिदिश्रा यसरी वि मलकीयत मा सदर का दानादावल महारा रिया मामा राशनादिणिमित संग पासाद्यमित्पाधीनामे निशा वारसादिहापि यादव महिलानि याला सात्मा मा उपपत्री विज्ञायाणामशायासहितिमा समान ॥ ॥मानगवाताहातायवानामदास मारतापभासिदामामायरिया) लिखनामनामनात 1866 शास्वदिशा श्रीमती नयी जिन रिविजय राधारी र सतरी ॐ साथ म मारिया शादिय विराध्यापदेशेरिकामा स्वाक्षर स नीत्यादि का વાળની બા ताडपत्र प्रति, जैसलमेर भंडार से लेखन समय १४वीं शताब्दी । ि सं माय विद्यार दलित सं निर्विर श्रीवादिनादिवचनादा मालक दिया कि नियादिनादाय 14 योगासहमतिमा रतिया गनिमाका नावा महाशादिसित किय ६ MERI महानदी दारिमदायसंग विद्याय मन्त्र रिवायत गवती यथादत दि गीतावलीपातिक पदवी या समानाका विसंकाशवाणपतिमा विदाये००० नव रिवालाक ताडपत्र प्रति, जैसलमेर भंडार से । लेखन समय १४८९, वैशाख शुदि ३, खंभात में लिखी गई है।
SR No.001439
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2000
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size12 MB
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