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प्रथम अध्ययन का पुनः सम्पादन
नेव
छिन्न
निसन्न
मन्नंति
सासवनालियं 231 -नालियं
अनियाणे 533
कट्ठनिस्सिय 524
जगनिस्सिय 412
जीवनिकाओ 40
नायपुत्त
परित्राय
दशवैकालिकसूत्र
रन
41-47, 392,
395, 420
231, 234
53, 183, 373
137
299, 329
262, 280, 283,
288
27
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44
[ ६२ ]
णेव
सासवणालियं 375
णालिया
अणिदाण
उदयणिस्सिया 26
छिण्ण
णिसण्ण
मण्णति
जीवणिकाय 62, 745
मण्णइ
णायपुत्त
परिण्णाय
आचाराङ्ग
17, 22
रण्ण
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पाठों की तुलना
297, 444
142, 202
224, 228, 497, 604
119
114
584
240, 263
9, 17, 29, 30,
31, 33, 47, 48, 53,
54, 55, 61, 61, 62, 62, 74, 78, 88, 92, 97,101, 104, 111, 121, 123, 140, 158, 160, 163, 173, 176, 184, 185, 188, 203, 259, 608 202, 235
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