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प्रथम अध्ययन का पुनः सम्पादन [५६]
पाठों की तुलना 17 (अ) अर्धमागधी आगमों में मिल रहे मध्यवर्ती नकार के प्रयोग (1) आचाराङ्ग (आगमोदय समिति संस्करण)
अनुगच्छंति 1. 5. 5. 161 (2) प्रो. आल्सडर्फ द्वारा सम्पादित ग्रंथ
(देखिए Ludwig Alsdorf : Kleine Schriften,
Wiesbaden, 1974) (अ) उत्तराध्ययन सूत्र से
मोनं 15. 1, सुमिनं 15. 7, सिनाणं 15. 8, भोजनं 15. 11, जवोदनं 15. 13 दशवैकालिक सूत्र से न खने 10. 2, सुनिसियं 10. 2
17(ब) हेमचन्द्राचार्य के प्राकृत व्याकरण (पी. एल. वैद्य, सांगली, 1928) की
शौरसेनी और मागधी में मध्यवर्ती 'नकार' की उपलब्धि (i) शौरसेनी (84260) पूरिद-पदिजेन मारुदिना (ii) मागधी (84.289) धनुस्खण्डं
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