________________
आचाराङ्ग [२५]
के. आर. चन्द्र 2. जैन विश्व भारती और महावीर जैन विद्यालय के संस्करणों के
पाठों की तुलना जैन विश्व भारती | महावीर जैन विद्यालय | मजैवि. सूत्र नं.
लोयं
लोगं
22
लोए
79, 82
महोवगरणं मूयत्तं बहुगा
लोगे महोवकरणं मूकत्तं बहुया एकयरं
एगयरं
लोकं
140
63
1, 2, 52, 59, 79, 82
लोयं भइणी भव पुरत्थिमाओ दिसाओ आगओ अणुसंचरइ
भगिणी भवति पुरत्थिमातो दिसातो आगतो अणुसंचरति भगवता
भगवया
2, 6 7, 13, 24, 35, 43, 51, 58, 89 7, 13, 24, 35, 43, 58
पडिघायहेडं एयावंति जाई
पडिघातहेतुं एतावंति जाती
अहियाए भगवओ जीवियस्स
अहिताए भगवतो जीवितस्स
7, 13, 24, 35, 43 51, 58 13, 24, 35 14, 25, 36, 44, 59 24, 191
पाउं
पातुं
मइमं
मतिमं
40, 92
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org