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प्रथम अध्ययन का पुनः सम्पादन [ २६९ ] प्रा. जस्सेते छज्जीवनिकायसत्थसमारम्भा शु. जस्सेए छज्जीवननिकाय - सत्थ- समारम्भा आ. जस्सेते छज्जीवनिकायसत्थसमारंभा
जै. जस्सेते छज्जीव- णिकाय - सत्थ-समारंभा म. जस्सेते छज्जीवणिकायसत्थसमारंभा
प्रा. मुनी
शु. मुणी
आ. मुणी
जै. मुणी म. मुणी
परिन्नातकम्मे
परिन्नाय -कम्मे
परिण्णायकम्मे (६१)
परिण्णा - कम्मे ।
परिणाय - कम्मे
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त्ति
त्ति
तिमि ।
त्ति
त्ति
संस्करणों के पाठों की तुलना परित्राता भवन्ति से हु परित्राया भवन्ति से हु परिणाया भवंति से हु
परिण्णाया भवंति, से हु परिणाया भवंति से हु
बेमि ।
बेमि ।
बेमि ॥
बेमि ।
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