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________________ " " ' कंन xxviii ताड़पत्र की प्रतियां संघवी पाडा ज्ञान भंडार, पाटण, वि. सं. १३वीं शती श्री शांतिनाथ ताड़पत्रीय जैन ज्ञान भंडार, खंभात, वि. सं. १३०३ श्री शांतिनाथ ताड़पत्रीय जैन ज्ञान भंडार, खंभात, वि. सं. १३२७ खेतरवसी पाडा भंडार, पाटण संघवी पाडा ज्ञान भंडार, पाटण, वि.सं. १४६७ श्री जिनभद्रसूरि जैन ज्ञान भंडार, जैसलमेर, वि. सं. १४८५ कागज़ की प्रतियां जैन साहित्य विकास मंडल, बम्बई हे १, २, ३, श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञान भंडार, पाटण इ. जैन श्वेताम्बर संघ, इडर , वि. सं. १५५२ ला, ला १ लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अहमदाबाद ___ आचाराङ्ग की जो जो प्रतियां हमें स्वयं को देखने को मिल सकीं उनका हमने उपयोग किया हैं और उनका परिचय इस प्रकार है देखिए ऊपर 'शां', वि. सं. १३०३ देखिए ऊपर 'खं', वि. सं. १३२७ देखिए ऊपर 'जे', वि. सं. १४८५ भांडारकर ओरियन्टल रीसर्च इंस्टीट्यूट, पूना, नं ७८, वि. सं. १३४८ (शुब्रिग महोदय द्वारा आचाराङ्ग के सम्पादन में उपयोग में ली गयी प्रति) श्री मुक्तिविजय जैन लाइब्रेरी ( की भेंट में दी गयी ला. द. भा. सं. विद्यामंदिर ) की कागज़ की प्रति, नं. १८७७२ पन्द्रहवीं शती 6. . स Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001438
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1997
Total Pages364
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Research
File Size14 MB
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