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प्रथम अध्ययन का पुन: सम्पादन [ २२५] संस्करणों के पाठों की तुलना प्रा. - - शु. - - आ. - - - जै. अप्पेगे अंधमच्छे ॥
अप्पेगे पायमब्भे, अप्पेगे म. - - - - - - प्रा. - - - - - - - - शु. - - - - - - - - आ. - - - - - - - - जै. पायमच्छे ॥ ५३. अप्पेगे संपमारए, अप्पेगे उद्दवए ॥ ५४.से बेमिम. -
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प्रा. सन्ति पाणा उदकनिस्सिता जीवा अनेका । शु. सन्ति पाणा उदयनिस्सिया जीवा अणेगा । आ. संति पाणा उदयनिस्सिया जीवा अणेगे (२३) जै. संति पाणा उदय-निस्सिया जीवा अणेगा ॥ ५५. म. संति पाणा उदयणिस्सिया जीवा अणेगा।
इहं इहं इहं इहं
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प्रा. च खलु भो अनगाराणं उदकं जीवा वियक्खाता। शु. च खलु भो अणगाराणं उदयं जीवा वियाहिया । आ. च खलु भो ! अणगाराणं उदयजीवा वियाहिया (२४) जै. च खलु भो ! अणगाराणं उदय-जीवा. वियाहिया ॥ म. च खलु भो अणगाराणं उदयं जीवा वियाहिया ।
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