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आचाराङ्ग
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के. आर. चन्द्र ४. ध्वनि-परिवर्तन के कतिपय उदाहरण (शब्दों के संदर्भ के लिए देखिए विभाग-५) . यथावत्
घोषीकरण लोप क अनेक, एक, नरक, लोक आहारग, पत्तेग, अन्तिय, ओववातिय,
परवागरण धम्मयं, विसोत्तिय
अल्पप्राण व्यंजन
च
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त
अगुत्त, अनगार, भगवता 'चेव', स्वरान्त शब्द के पश्चात्
कयवर, पाईन, 'च' अव्यय का प्रयोग
मोयन, समायार अविजान, परिजान, पूजन, वीजितुं
पोतया, रसया अक्खात, अहित, आतङ्क, आतुर,
करओ (कुर्वतः) इतो, उवरत, एते, जाति, पडिघात,
(= *करतः) परिनात, भवति, भूत, मतिमं, सोणित, वीजितुं, सम्पातिम आदानीय, उदर, ओववादिय,
उब्भिया पमाद, पवदमान, पाद, सदा, हिदय अनुपालिया
उवरत, ओववादिय, - पडिवन्न, परितावेन्ति, पाव, विरूवरूव, वि(अपि)
प
य
आउसन्त
अमाया, किरियावादी: गोमय, तसकाय, सयं
व
आवट्ट, पवेदित, पुढवि
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