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प्रथम अध्ययन का पुनः सम्पादन [११०]
तृतीय उद्देशक 27. ॥ कप्पति:3 ने, कप्पति:3 ने पातुं ॥ अदुवा विभूसाए पुढो पत्थेहि64 विउदृन्ति ।
28. एत्थ वि तेसिं नो66 निकरणाए67 । 29. एत्थ सत्थं समारम्भमाणस्स68 इच्चेते आरम्भा69
63.
कप्पइ णे कप्पति
कप्पती
मजैवि. आचा.1.2.6.96; 8.3.211, 5.218, 7.225; 2.1.9.390, 392; 1.10.404; 2.1.4253; 2.2.430, 437; 5.1.561, 566; 6.1.598 आचा. पाठा. 1.1.3.27, पाटि.1, प्रति सं, शां, खं, खे, जै, एवं चू. (इसके अतिरिक्त अन्य सूत्रों के पाठान्तरों में भी) आचा प्रति* ला. सूत्रकृ. 1.4.1.256:2.6.814; 2.7.855 (4 बार) ऋषिभा. 17 (पृ.35.24), 37 (पृ. 83.24), 42 (पृ. 93.16) आचा. प्रति* खं 3 मजैवि. मजैवि. शु, आगमो. मजैवि. शु, आगमो आचा. प्रति* खं. 1 मजैवि. शु, आगमो. आचा. प्रति* खं. 1 मजैवि.
कप्पति(त्ति) सत्थेहिं विउद्भृति विउट्टन्ति णो
णिकरणाए निकरणाए
68.
समारभमाणस्स समारम्भमाणस्स
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