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________________ 10 11 15 परम्परागत प्राकृत व्याकरण की समीक्षा और अ मागधी उत्तराध्ययन सूत्र : संदर्भ ग्रन्थ आचाराङ्गचूर्णि : ऋषभदास केसरीमलजी, रतलाम 1941 महावीर जैन विद्यालय, बम्बई आचाराङ्ग सूत्र : इसिभासियाई ( ऋषिभाषितानि ) : शुचिंग, ला द. भा. संस्कृति विद्या उवएसमाला : कल्पसूत्र गाथासप्तशती : प्राकृत विद्या, प्राकृत विद्या अध्ययन प्रसार केन्द्र, उदयपुर, अप्रेल - सितम्बर, 1992 तुलसी प्रज्ञा, जैन विश्व भारती, लाडनूं, जुलाई-सितम्बर, 1991 जैन विद्याके आयाम, ग्रथांक 1, लाला हरजसराय स्मृति ग्रंथ, पा.वि. शोध संस्थान - बनारस, 1987 अहमदाबाद, 1952 स. आ. जोगळेकर, प्रसाद प्रकाशन, पुणे, 1956 पउमचरिथं : विमलसूरि : प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद पण्णवणासूत्र (प्रज्ञापनासूत्र ) : महावीर जैन विद्यालय, बम्बई संपा. ए. एन. उपाध्ये प्रबचनसार : प्राकृत प्रकाशः वररुचि: E B. Cowell, Calcutta, 1962 हेमचन्द्राचार्य, P. L. Vaidya 1928 प्राकृत व्याकरण : बृहत्कल्पसूत्र : आ. श्री. घासीलालजी संस्करण Jain Education International १४९ · मन्दिर, अहमदाबाद, 1974 (1) महावीर जैन विद्यालय, बम्बई ( 11 ) जे. शार्पेण्टियर, अजय बुक सर्विस, न्यु देहली, 1980 धर्मदासगणि मुनि पुण्यविजयजी, साराभाई मणिलाल नवाब, For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001436
Book TitleParamparagat Prakrit Vyakarana ki Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1995
Total Pages162
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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