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2. शौरसेनी (रूपक साहित्य) : कीळ्णअ, कीळमाण, कोळसि, कीळम्ह, कोळिद, कीळिस्सं, कीळिस्ससि, कीळेम्ह, खेळण, खेळदि, खेळिदु, णिगळ्वदी
3. आवन्ती ( रूपक साहित्य) : कीळइ, कीळंती, कीळिदु
4. महाराष्ट्री (काव्य साहित्य) : आमेळिय, कीळेइ, णिअळ, णिअळाविअ, णिअळिअ, वळआणल, वळआमुह, वळवामुह
के. आर. चन्द्र
5. जैन महाराष्ट्री ( कथा साहित्य) : कीळइ, कीळंत, कीळंति, कीळिऊण, खेळळावेऊण, नियळिय, वळयामुह, सोळस
(iii) कतिपय अर्धमागधी शब्दों की संस्कृत और पालि के शब्दों के साथ तुलना
(पिशल के अनुसार ) ( जैनागमों के अनुसार) (संस्कृत)
आवीळियाण
आवीलियाण
(पीडय्)
उप्पीळवेज्ज
उप्पीला वेज्जा
एलय
कीलए
कीलति
खेल्लावण
एळय
कीळए
कीळन्ति
खेळळावण
मरुळ
गुळ
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गरुल
गुल
59
एडक
( क्रीड )
99
खेलनक
गरुड
गुड
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(पालि)
(पीळ)
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एळक
(कीळ)
39
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गरुळ
गुळ
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