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प्राचीन अर्धमागधी की खोज में/के. आर. चन्द्र
(द) कृदन्त :
| वियहित्त | वियहित्ता ! विजहित्त । विजहित्ता | 1.1.3.20
(२) इत्थीपरिन्ना (सूत्रकृतांग [4) के पाठ
आल्सडर्फ । म.ज.वि. । जै.वि.भा. | पुण्यविजयजी । उ. सू.
(अ) ध्वनि-परिवर्तन :- क =क, ग, य
एकदा साविया
एगया साविया उकसन्ति उवगसित्ताणं -जाइया -पागाए
एगता एकदा साविया साविका उवकसन्ति उवकसन्ति। उवगसित्ताणं उवगसित्ताणं -जातिका --जातिका -पागाए -पागाए
- -जाइया -पायाय
1.14 1.26 11.20 17 2 19 2.5
ग=ग,
अ
भोग- मिए
भोगमिए
भोग-- मिए
भोग- । मिए
2.1 19
ज = ज, अ
।
ओए तेयसा ।
ओजे तेयसा
ओए तेयसा |
ओए तेयसा
2.1 1.21
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