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________________ 109 जे रमणीओना नाथ तेमनी पासे घरेज छे तेओ शेरीओमां रास रमती धूती हती. विविध आभरणो वडे शणगार सजीने, चित्रविचित्र वस्त्रो शरीर पर धारण करीने, तीक्ष्ण तिलक भालतळे आलेखीने, शरीरे केसर अने चंदन चर्चीने सोरंड (क्रीडाभाजन) हाथमां राखीने दिव्य मनोहर गीत गाती तेओ धूमती हती. (१६७-१६८) तेओ घणी भक्ति अने प्रमोदथी गमाणो अने तबेलामां धूप देती हती. आ जोईने हताश थयेली हुं उद्विग्न बनी गई. (१६९) त्यां तो में दिशाने अधिक वैचित्र्यथी शोभती जोई, अने जाणे के हुं हुताशनमां होमाई. चित्तमां विरहनी ज्वालावलि प्रजळी ऊठी, अने में 'नंदिनी', 'गाथा' अने 'भ्रमरावलि' करी: (१७०) कषाय स्वादवाळा नवा बिसतंतु वडे जेमना कंठ शुद्ध थयां छे तेवा धृतराष्ट्र (हंसविशेष) अने चातक जळमां शब्द करी रह्यां छे, ने तेओ चमत्कारक चाले चाले छे : जाणे शरद-श्रीनां झीणा स्वरे रणकतां नूपुर न होय। (१७१) शरदमां आसोमासमां मोटी बनेली नदीओ प्रवाहवेगथी विकट बनेली अने पगने स्खलित करती हती. विशाळ सरिताओमां सारसे चीत्कार करीने अमने फरी फरीने दुःखे रडाव्यां, (१७२) चंद्रनी चंद्रिकावाळी रात्रीओमां धवलगृह अतीव शोभी ऊठ्यां : तेनो सुंदर तुंग प्राकार निर्मळ अने मनोहर लागतो हतो : प्रिय विना शय्यामां लोटती अने कणसती एवी मारा प्रति आ शरद जाणे के यमदंड वडे प्रहार करी रही हती. (१७३) जेमना पुरुष क्रीडा करवा उपस्थित हता तेवी नारीओना सहभ्रमणथी सरोवरनां तीर शोभी रह्यां हता. धरे धरे सुंदर बाळको अने युवानो खेलता दीसता हता, घरे घरे पटह वागता हता. (१७४) छोकराओ कुंडाळामां तांडव करतां अने 'सुंदरी' वगाडतां शेरीओमां घूमता हता. शय्याओ तरुणीवृंदोथी शोभती हती. घरे घरे रेखा रमाती हती ? (१७५) दीपावलिनी रात्रे नवोदित चंद्रलेखा समा दीपक हाथमा लई लईने बधे मूकवामां आवे छे. भवनो जाणे के लधु ज्योतिओ वडे मंडित बन्या हता. महिलाओ आंखमां एy अंजन शलाकाथी आंजती हती. (१७६). अनेक कुटिल तरंगोनी भंगीने लीधे श्याम अंबरनो आभास आपती पत्रवल्लरीथी मनोहर, वृत्ताकार अने मदपट्ट समा पयोधर कस्तूरीथी चर्चित कराता हता. (१७७) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001433
Book TitleSamdesarasaka of Abdala Rahamana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbdul Rahman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year1999
Total Pages124
LanguageEnglish, Gujarati, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_English & Literature
File Size6 MB
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