________________
જેન આગમ, મહાભારત તુલનાત્મક અધ્યયન
૨૫૩
४५. वनपर्व', २६८, २७१. ४६. सभापर्व', ६२.१०; उद्योगपव', पृ ५८.२१. ४७. सांस। 6. ४. द्रौपदी वस्त्राहरण प्रस' (महावाह, १-७६)
. ५८-६५, भागवत दुर्गा, व्यासपर्व, मुबई, १९६९), पृ. १२३ ४८. ज्ञाध. प १३१-१३४; आवश्यकचूर्णि, उत्तरार्ध, (रतलाम, १९२९), प.
२०२; आवश्यकसूत्र-हारिभद्रीय वृत्ति, उत्तरार्ध .. ७१४, ४९. आवश्यकचूर्णिी, उत्तराधी, प. २०२. ५०. व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र-अभयदेववृत्ति (रतलाम, १९३७) पृ. ८७. ५१. ज्ञाध. प. १८८ ५२. स्वर्गारोहण पर्व', ४.७. ५३. महाप्रास्थानिक पर्व, २.३-६. ५४. जैन सिद्धांतबोलस ग्रह-भाग-५ (बीकानेर, १९४९) पृ. १८५. ५५. ज्ञाध. प. १५९ ५६. कल्पसूत्र, लक्ष्मीवल्लभवृत्ति, प ४३-४७. ५७. वनपर्व', २७७.३ ५८. वही, २८३.१५. ५९. सभापर्व', ७०.५. ६०. आचारमयूख, (मुबई, १९१५), पृ. ८. ६१. जातकपालि, पृ. १२०-३८. ६२. Cowell E. B. op. cit.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org