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( 25 ) भा. 5-5; ज े प्र. पृ 111, 121.
(26). q. q. 119.
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( 27 ) भा. 5-5-31, महा मुनेर्मूर्ध्नि जटा दूरं प्रससुः पवनोद्धताः । 18-76, (28) भा. 5-5-33, महा. 33-121.
(29) . . P. 112
जबूद्वीप प्रज्ञप्ति और भागवत में ऋषभचरित
(30). . P. 121
( 31 ) महा. 20-15 से 18, भा. 5-5-30.
(32) HT. 5-6-7; 8. ( 33 ) ज. प्र. P. 131,
ज. प्र. P. 130. महा. 47 132, महा 47 – 344 से 47. (34) भा. 5-6-9 से 10; महा. 18-49 से 62.
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338 से 350.
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