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रिट्ठणे मिचरिउ धउ विद्ध महा-रहु किउ दु-खंडु सहु छत्ते पाडिउ कणय-दंडु रहु सारहि वारह अंगरक्ख किय सयल-वि गिरि जिह लुत्त-पक्ख सउ सएण तिण्णि तिहिं तिण्णि विद्ध पंचाल-वरूहिणि रणे णिसिद्ध ८
घत्ता दुमयहो णंदणु हय-संदणु ओसारिउ णिय-थामहो। ताम विओयरु स-सहोयरु धाइउ आसत्थामहो।
एत्थंतरे अंतरे थिय णरिंद केरल कुणीर कोहव कुणिंद जालंधर जाउण जवण जट्ट खस टक्क कीर टंकण अरट्ट मेहल चिलाय पत्थल विसेस गंधार मद्द मागह महेस जउहेयाहीरह तामलित्त
सग भरुस कच्छ अवर-वि विचित्त ४ गय-घाएहिं भीमें भग्ग सव्व दुप्पवण-पणोल्लिय-तरुवर व्व तो जय-सिरि-गहणुक्कंठुलेण हक्कारिउ दोणु जुहिट्ठिलेण पुणु पंचहिं विद्धु सिलीमुहेहिं सोणासें सत्तहिं फणि-मुहेहिं थिर-थोर-पलंव-महा-भुएण सर-सहसु विसजिउ तव-सुएण
पत्ता मुक्कु तुरंतेण किवि-कंतेण धाइउ दुप्परियल्लउ। राएं थंभिउ पवियंभिउ रणु जिह पेम्मु णवल्लउ॥
[११] पडिलग्गु परोप्परु संपहारु रउ पसरिउ जाउ तमंधयारु णउ दीसइ जलु थलु गयण-मग्गु । ण धरत्थु ण सिविउवर-वलगु णारोहु ण रहिउ ण आसवारु अप्पएण पराएण णउ वियारु तो लइयउ कंचण-दीवियाउ सिहि-जाला-मालालीवियाउ वहु-गंध-तेल्ल-पव्वालियाउ रहे रहे दह दह पज्जालियाउ चउ चउ चतुरंगए सत्त सत्त वर-जामिणि वासर-सोह पत्त सण्णाहेहिं मणि-रयणुजलेहिं मुत्ताहल-मालेहिं णिम्मलेहिं पहरण-आहरण-सियंवरेहिं गय-दंतिहिं छत्तेहिं चामरेहिं
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