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घत्ता
जमल- जुहिट्ठिल- सिणि-तणय करेवि सयं भुव भुव- जुयले
मज्जुण सत्त विडु | सव्वेहिं सीराउहु दिडु ||
इय रिट्ठणेमिचरिए धवलइयासिय सयंभुएव - कए । गंधारी-उवसम - करणं णामो णवइमो सग्गो ॥
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rasमो संधि
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