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किं
महु
'जे सहोयर तउ ण के - वि
घत्ता
मण परितुट्ठेहिं अणयण पुत्तहो
सो सुरेहिं अदुट्ठेहिं सयं भूमिहे सुत्तहो
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माराविय जेण कु- मंतु देवि
वयणई साहुक्कारियई । कुसुमई सिरे संचारियई ।
इय रिट्टणेमिचरिए धवलइयासिय सयंभुएव- कए । णामेण मउड-भंगो [ इमो ] णवासीइमो सग्गो ॥
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णवासीइमो संधि
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