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एक्कु अणतेहिं भिण्णु तो- विजिज्जइ सलु
घत्ता
तो मद्दाहवेण मद्देयहो पुणरवि परिवड्ढिय-अवलेवहो
पंचवीस सइयो उप्परि पत्थहो तीस सट्ठि गोविंदहो
माहिवेण सयाई
इंदिय गया
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पंचहिं पंच - वि धय दोहाइय सहणि तव - तणएण पउंजिय उलें सत्ति चक्कु सिणि-जाएं
[११]
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सेल्लभल्ल-णाराएहिं । तवसिय हि स - कसाएहिं ॥
घत्ता
[१२]
अग्गएवाहं को -वि ण थक्क जिह जिह वलई असेसई चूरइ चिंतिउ वड्ड वार स-कसाएं तं तेहउ णिएवि आओहणु पंच - वि पंडु पुत्त धुउ मारइ ताम जुहिट्ठिलेण मद्देसहो तो स-वाण - वाणासण - हत्थहो तो धट्टज्जुणु भाणुवइ-कंतहो
पंच - वि एक्कए वारए । मोक्खहो जंते भडार ॥
सत्तर सरहं मुक्क अग्गेयहो उलहो अट्ठ सत्त सहएवहो
व रायहो भीमो तेहत्तरि सय सहास पुणु णरवर - विंदहो पंडु-सुयहं तणु ताइं भिण्णई पंचहं पंच महासर लाइय गय सहएवें समरि विसज्जिय विद्धु विओयरेण णाराएं
छायासीइमो संधि
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णीसावण्णु सल्ल परिसक्कइ तिह तह तव सुउ हियए विसूरइ एहु फेडेवर केण उवाएं मणे परिओसहो गउ दुज्जोहणु मई वइसए अज्जु वइसारइ चक्क - रक्ख णिय वइवस - देसहो दो पुत्र धाइ पत्थहो अवरहो अवर समरे पहरंतहो
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