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रिठ्ठणे मिचरिउ
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घत्ता
धाइउ पंडव-णाहु किवहो विओयरु ढुक्कु
मद्दाहिव-विक्कम-सारह। जमल वे-वि गंधारह ।।
धट्ठज्जुण-सिहंडि रहसुट्टिय धम्म-पुत्त परिगरेवि परिट्ठिय भीमज्जुणेहिं संख आऊरिय मद्दि-सुएहिं गंधार पचूरिय ताम तिण्णि सुय कण्णहो केरा धाइय जेट्ठ मज्झ लहुयारा चित्तसेणु सेणामुहु सारउ सच्चसेणु सच्च-वय-धारउ
अवरु सुसेणु सुसेण-समप्पह तेय स-वाह वाह-वाहिय-रह तिण्णि-वि भिडिय रणंगणे णउलहो आसीविस-विसहर णं णउलहो मुट्ठि-देसे धणु खंडिउ एक्के भल्ले भिण्णु भाले अण्णेक्के
घत्ता तिहिं धउ तिहिं जत्तारु हय चउहि लोट्टाविय। णउलें असिवर-लट्ठि जमेण जीह णं दाविय॥
विंधइ चित्तसेणु सर-जालें करणु देवि रिउ रहवरे चडियउ धम्म-रयणु वाम-करे भमाडिउ । इयर-वि अठ्ठ हणेविणु घाइय कुरु-वाहिणि णासेवए लग्गी रक्खिय कह-वि सल्ल-गोवाले सारहि वाहि वाहि तहिं रहवरु जहिं चामीयर-चामर-वासणु
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छिंदइ पंडु-पुत्तु करवालें महिहरे विज-पुंजु णं पडियउ सिरु असिवरेण हणेप्पिणु पाडिउ तिण्णि-वि कण्ण-पुत्त विणिवाइय दुव्वल गाइ व वाएं भग्गी उक्खय-खग्ग-दंड-भुव-डालें जहिं सोवण्ण-महद्धए ससहरु जहिं ससि-पंडुरु आयव-वारणु
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