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________________ रिठ्ठणे मिचरिउ २०४ घत्ता धाइउ पंडव-णाहु किवहो विओयरु ढुक्कु मद्दाहिव-विक्कम-सारह। जमल वे-वि गंधारह ।। धट्ठज्जुण-सिहंडि रहसुट्टिय धम्म-पुत्त परिगरेवि परिट्ठिय भीमज्जुणेहिं संख आऊरिय मद्दि-सुएहिं गंधार पचूरिय ताम तिण्णि सुय कण्णहो केरा धाइय जेट्ठ मज्झ लहुयारा चित्तसेणु सेणामुहु सारउ सच्चसेणु सच्च-वय-धारउ अवरु सुसेणु सुसेण-समप्पह तेय स-वाह वाह-वाहिय-रह तिण्णि-वि भिडिय रणंगणे णउलहो आसीविस-विसहर णं णउलहो मुट्ठि-देसे धणु खंडिउ एक्के भल्ले भिण्णु भाले अण्णेक्के घत्ता तिहिं धउ तिहिं जत्तारु हय चउहि लोट्टाविय। णउलें असिवर-लट्ठि जमेण जीह णं दाविय॥ विंधइ चित्तसेणु सर-जालें करणु देवि रिउ रहवरे चडियउ धम्म-रयणु वाम-करे भमाडिउ । इयर-वि अठ्ठ हणेविणु घाइय कुरु-वाहिणि णासेवए लग्गी रक्खिय कह-वि सल्ल-गोवाले सारहि वाहि वाहि तहिं रहवरु जहिं चामीयर-चामर-वासणु ४ छिंदइ पंडु-पुत्तु करवालें महिहरे विज-पुंजु णं पडियउ सिरु असिवरेण हणेप्पिणु पाडिउ तिण्णि-वि कण्ण-पुत्त विणिवाइय दुव्वल गाइ व वाएं भग्गी उक्खय-खग्ग-दंड-भुव-डालें जहिं सोवण्ण-महद्धए ससहरु जहिं ससि-पंडुरु आयव-वारणु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001429
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1997
Total Pages282
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size11 MB
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