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रिट्टणेमिचरिउ
ण पंडव कुरुबह देइ बुद्धि महि-कारणे णट्ठाणेय राय पहरंतह थाइ ण अंतराले कहो केरा मिलेवि मरति एय
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हय पडु-पडह-सवाई रविहे धरतहो णाई
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अरुणुग्गमे सरहस-सरहसाई रोमंच-पसाहण-साहणाई उक्खय-दप्प-हरण-पहरणाई किय-भड-कडवंदण-वंदणाई
ओवाहिय-हयवर-हयवराई तोसाविय-देवंगण-गणाई मयरद्धय-धय-उद्य-धयाई रुंदारुण-दारुण-लोयणाई
सुहि वहेवि लहेसहु कवण सुद्धि वलि-रावण-णल-णहुस-हुण-जाय पच्चेलिउ हसइ विणासयाले
जसु पुण्णई तसु हउँ वस-विहेय धत्ता किय कलयलई स-खग्गई । वलई वे-वि पिडे लग्गई ॥ [७]
पइसरियई रण-रस-रण-रसाई रण-भर-णिब्वाहण-वाहणाई उद्विय-पर-वारण-वारणाई हरि-मुह-णीसंदण-संदणाई संचूरिय-गयवर-गयवराई उच्छलिय-महा-भीसण-सणाई पाविय-जीविय-संसय-सयाई
धवलच्छिहे लच्छिहे लोयणाई धत्ता
वलई वे-वि छायंतउ । रवि-ससि-विवइ लिंतउ ॥ [८]
परि पसमिउ पडिवउ णं णियत्त मुउ पडेवि णाई सोणिय-समुद्दे केण-वि आमेल्लिउ वाण-जालु परिपिहिय-णिरंतर-अंतरिवखु
रण-उ उट्ठिउ ताम णावइ गहकल्लोलु
सो रण-रउ गउ लोयंतु पत्त मइ को-वि ण मइलिउ रण-रउद्दे थिउ णिभ्मलु सयल दियंतरालु णं अहिउलु दीसइ दुण्णिरिक्खु
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