SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 192
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तीसमो.. संधि १४३ ण विहदले पर-वले पइसरमि दुप्पह-रण-घोरह थरहरमि लइ दय वरि दय करि अट्टमणि किं विसहिय दुसहिय तूर-झुणि ८ घत्ता तं णिसुणेवि पत्थे धरिवि सहत्थे मंड चडाविउ णियय-रहे । हउँ अज्जुणु वुच्चमि रहिउ पहुच्चमि छुडु तुहु थाहि महु धुरहो ॥ ९ सो केम-वि केम-वि धुरहिं किउ सु णिरज्जुणु अज्जुणु रहिउ थिउ समि-संमुहु संमुहु वहइ रहु जहिं वट्टइ कड्ढइ सर-णिवहु अ-पडुत्तरु उत्तरु उत्तरिउ विगयायवे पायवे संचरिउ वाणासणु भीसणु बहु-गुणहो अवलोइउ ढोइउ अजुणहो अवराइ-मि ताइ-मि अप्पियइं स-ययावई चावई दप्पियई रायाह भाइहिं केराई सर-पंजर-णि मर-पेराई सोवण्णई वण्णइ वाणाई दुद्दाणव-भाणव-महणाई सण्णहणई पहणइं उत्तमई अल्लवियइं घिवियई मज्झिमई धत्ता तहि अवसरे जलणे खंडव-डहणे णंदिघोसु रहु ढोइयउ । सोवण्णे चिंधे पमय-समिद्धे मेरु णाई विहि-चोइयउ ॥ ८ ९ मणवेय-सेय-हरि-कइिढयए रण-रस-जस-अमरिस-वढियए चामीयर-सीयर-पिंजरिए रण-कारणे धण-पहरण-भरिए तहि मणहरे रहवरे पन्थु थिउ अ-विहंदलु उज्जलु वेसु किउ तोणीर वीर-पुट्ठिहि णिमिय गंडीव-जीव धणु-कोडि णिय मच्छंगउ धुर-गउ रासि-हरु रहु खेडइ फेडइ भय-पसरु गउ तेत्तहे जेत्तहे कुरुव-वलु गल-गल्लरि-झल्लरि-रव-मुहलु 5. 7b. भा. मारणाइ. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001427
Book TitleRitthnemichariyam Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1993
Total Pages220
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy