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हरिवंसपुराणु
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सो कण्हु कंस-कड्ढणि करेवि थिउ सरहसु गयवरु सरु धरेवि संकरिसणु सेलिम-खंभ हत्थु किउ वइरि-सेण्णु सयलु-वि णिरत्यु हक्कारिउ परवइ उग्गसेणु तहो महुर समप्पिय कामधेणु अप्पुणु पुणु गउ देवइहे पासु संभासिउ सयलु-वि साहवासु ४ कोकाविय णंद-जसोय आय अवरोप्पर कुसला-कुसलि जाय तहिं काले सुकेएं ण किउ खेउ' णिय सुय परिणाविउ वासुएउ विग्जाहरि णामें सच्चहाम एत्तहे रेवइ रामाहिराम हलहरहो दिण्ण णिय-माउलेण रोहिणि भायरेण अणाउलेण
पत्ता
" करे रेवइ धरिय वलेण थिय रज्जु सयं भुजंत
सच्चहाम णारायणेण । सउरीपुरे सहुँ परियणेण ॥
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इय रिटणेमिचरिए धवलइयासिय-सयंमुएव-कए । चाणूर-कंस-कलिय-महण-णामो छ?ओ सग्गो ॥
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