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________________ P. L निर्युक्तिगाथा 288 6 131 125 268 10 46 46 67 125 273 58 38 20 46 132 56 55 132 132 135 55 56 19 20 2 49 175 176 50 56 50 280 10 288 28 भावपरिण्णा दुविहा 33 36 27 4 21 33 Jain Education International 38 19 20 28 35 30 34 26 8 42 20 24 14 24 2 भावे गइमाहारो भावे फलसाहणया भिक्वं पविण मएज दि.... मइउग्गहो गहो य गहणुग्गहो य..... मणुया तिरिया काया मंसस्स केई अट्ठा मंसाईपरिभोगो माया मे त्ति पिया मे....... मालाविहारंभि मएन मुणिणा छक्कायदयावारेण मूले छक्के दव्वे रुक्खा गुच्छा गुम्मा" रुक्खाणं गुच्छाणं लक्खणमेवं चेव उ लोगरस उ को सारो ? लोगस्स य निक्खेवो' लोगस्स य विजयस्स य लोगस्म सारधम्मो लोगंमि कुसमएसु य लोगागासप 31 42 11 37 6 36 24 वाउस्सवि दारांई लोगे मि लोगो त्तिय विजश्र त्ति य.... लोगो भणिश्रो दव्वं वण्णरसगंध फासे वण्णंमि य इक्किक के वंदित्तु सव्वसिद्धे 27 वाघाइयमाएसो 18 वाकोडीसहि 15 विश्रणे अ तालवंटे 30 विजिओ कसायलोगो 12 वियणषमणाभिधारण 17 वेरग्यमप्पमाश्रो 1 21 सगड द्धीसंठियाओ.. सतहि छह प चहि य.... 340 P. L. निर्युक्तिगाथा 31 18 2 271 213 5 6 175 175 118 55 131 23g [320 250 257 240 4 10 198 57 5 61 67 10 39 280 100 101 100 101 101 27 6 38 15 118 239 40 [320 7 26 21 30 सव्वस्स थूलगुरुए. 25 सव्वा वयणविसोही 17] 27 सव ईरियबिसोहि 20 19 21 9 20 5 23 5 33 13 23 संकुचियवियसियत.... 36 संजोगे सोलसगं 28 16 36 17 14 22 35 सत्तिवकगाणि दनकरसरमाणि सत्तिक्कगाणि सत्तवि सत्थपरिण्णा प्रत्थो सत्थपरिण्णा लोगविजन... सपरक्कम माएसो..... सपरिक्कमे य अपरिक्कमए सम्मत्तप्पत्ती सावए य सयणे य प्रदढत्तं 4 16 26 25 10 19] For Private & Personal Use Only सव्वेऽवि य वयणविसोहिका ० सव्वेऽवि य सिज्जविसोहि सव्वेसि श्रायारो सव्वेसि उत्तरेणं सव्वेसि तवोकम संसारस्स उ मूलं संसारं हेतुमणो... सामस्थानी कविला सारो परूवणाए साहारण मोहारो साहुमहाधम्मो सीभूय परिनिष्युय सीजफासह सीयं परीसहपमायुवसम सीयाणि य उण्हाणि य... गुत्ता अमृषयो या सुद्धोदए य उस्सा एग निसाईए सम्मनुष्यत्ती साव सेज्जादरिया तह सेवालकत्थभाणिय अवए www.jainelibrary.org
SR No.001423
Book TitleAcharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1978
Total Pages764
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, agam_acharang, & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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