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________________ 318 250 243 P. L. शुद्धपाठः ___P. L. शुद्धपाठः 239 26 तामेव दर्शयति 249 9 प्रातिहारिक 240 27 ऽस्खलितादिगुणोपेतं सूत्र॰ [प्र.] 250 6 यद् यथा च यदा यथा च 241 1 निशीथिका स्वाध्यायः, 'णो 250 10 जहिं जो उ 241 6 अच्छेज्जं ति भृत्या 23 अहवा वी होज्ज 241 10 यं पुनरे' [प्र०] 251 15 ब्राह्मणातिथिकृपण° . 241 12 लेपनिकादिना समीकृतः 'संमृष्टः' 251 33 शकटोद्धिसं. 241 14 °तादौ तु प्रत्यु 251 37 किञ्च–से इत्यादि, 241 32 आगाढागाहिं 252 12 पद्यन्ते 241 36 इंदियजायं 252 17 राजाभिषेको [प्र.] 242 19 °त्, प्रक्षालयेत् पुनः पुनः, 253 10 प्लाव्यमानां......."नावा गच्छन 242 23 वा वहंति वा रुघंति वा 253 28 तदनं स्वबाहुग्राहं 242 21,25 सागारिके 253 30 निर्वाह यितु 242 33 हिरण्णे वा सुवण्णे वा 25332 मुदके प्लवमा 242 40 आप्रपदीन 254 31 सेणं वा विरूवरूवं सण्णिविट्ठ 18 मोयग त्ति कायिका 255 17 कूटागाराणि 244 1 तदुपचरको 255 20 गुलि 245 15 निष्पादितायां 255 40 °न्तरा भाषां [प्र०] 245 33 °यिकं वेत्येवं वा द्विपक्षासेवनदोषाद् [प्र०] 266 16 नवं जाना 245 38-39 वट्ठाण 256 16 यवस-सेनादि 246 11 °सति प्रतिगृह्य 256 27 परिहरन्त्यपीति 246 15 कंपण 257 2 पिण्ड-वसत्यर्थ 246 17 शुद्धो भवत्य 2573 अनेन सम्ब' 246 19 °पादनतः 257 11,121 °त्युच्यते [प्र०] 246 24 निशीथिका 257 15) 246 36 छलना साधुना सम्यग् 257 13 निसृष्टसमश्रेणि 247 ___13 साहम्मिया एत्ता तावता उव' 25740-1 35 वान्न स्थात 258 1) सर्वसाधुभि [प्र.] 248 258 6 मन्त्रयन्ते 1 क्रोधाद्वाचं [प्र०] क्षति 258 7 1 वियुंजंति 248 9 क्षतिः 258 4 °षोद्घट्टनेन 12 संताणगं गरुयं 258 248 21 अमीषां च स 248 16 °कांक्षेत्, तं चैवंभूतं 258 30 °चित्तानि वर्ण 248 20 क्कम्म 258 42 पिण्ड-दण्डचक्रा [प्र.] 248 259 22 तणगं वा कुसं वा 5 'कर्कशां' दर्पिताक्षराम्, 248 30 ग्रहीष्यामि 2597 भिक्षुर्यत् पुन [प्र.] 2495 प्रहावरे इत्यादि, अत्रापि पूर्ववत् सर्वं 259 36 वाच्यावाच्यवाक्यविशेषो भणनीयम् । अयं विशेष:-[प्र०] 259 37 एव विशेषभूतो 247 248 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001423
Book TitleAcharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1978
Total Pages764
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, agam_acharang, & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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