________________
( 310 )
119
00
121 121
121
P. L. 117 6 तद्वघे बन्ध 117 17 संयम उक्त इति । 117 19 ज्ञानदर्शनतप 117 26 कृतम्"वयवलक्षणनिष्पत्तव्य
39 °धिग्जातीयानामि 120 ll द्रव्यतोऽपि निषण्णा 120 12 तथोपस्थिता धर्म
22 °दण्डप्रपञ्चोपरते 29 व्रतेश्वरयोगादि (प्र०) 34 'न चरेत्' नाचरेन्न विदध्यात् (प्र०)
35 इमा णाती 120 37 मुमुक्षोरिमा
केवलज्ञानालोकेन दृष्टं, तत् शुश्रूषुभिः श्रुतं,
लघुकर्मणां 3 किम्भूता भवेयु० 3 गायं तात्पर्यमासेवां (प्र०)
6 प्रलीयमानाः पौनःपुन्येन कृतजन्मादिसन्धानाः 122 10 सत्त्वानुकम्पनतया 122 23 णिचये रिणविट्ठा
6 वङ्कनिकेताः, पूर्वपदस्य (प्र०) 14 तत्थ तत्थ 15 परिविचिटुइ 19 °स्तद्वत्वात् तदनु 27 परिवितिष्ठति 28 क एवं वदन्तीत्याह 31 °भाषितत्वादेकमेव
4 समयं पत्तेयं पुच्छि 12439 न चलिष्यन्तीति कृत्वा 1255 अनिवृत्तिरूपं 125 7,9,11,12 राहगु 125 14 तूष्णींभावं 125 1-2 'सकुंडल वा वयणं ण वत्ति' 125 37 जो उल्लो सो तत्थ लग्गती
14 इति । स्यात्-लोके न केचन विद्वांसः सन्ति
येभ्यो 127 32 °व्यतिरिक्त प्रेक्ष्य (प्र०)
P. L. 12738 कस्से (से) अप्पारणं (प्र.) 129 19 णेत्तेहिं पलि 1309 परिच्छिद्य 130 12 किमभिसन्धि: स 130 18 सफलत्वमुपलभ्य 'ततः' तस्मात् 130 23-24 संथड 130 29 परिच्छिद्य 130 23 परिविचिट्ठिसु 130 31 परिचितस्थिरे (प्र०) 130 34 ज्ञानमिति तदाह130 35 नारकस्तर्यग्योनः 131 30 जिणा उरालादी 132 31 मारस्स अंतो जयो से मारस्स अंतो 132 39 °यादीन प्राणिन 133 19 कुशाग्रोदकबिन्दुमिव 133 36 °नादित्याह-(प्र.) 133 37 संसारे 134 26 अन्नाणपमाय' 134 37-38 तटदेश्यमवाप्य 135 3 °च्छातमिस्राच्छादितदृष्टिविपर्यस्यन् भूयो भूयो
3 आसतां 135 42 बहुकोहे 136 28 शीलमेषामिति अना
35 स्वात्मन्यवस्थित 136 7 पृथक्छन्दाः 137 9 स्मारयन्माह137 12 पस्य वत्वम्, तस्यापि 138 3 भेदुर 138 5 °च्छिरोक्ष्युरःप्रभृत्य 138 ll पूर्वोक्तरूपसन्धिं (प्र०)
25 स्युस्त एवम्भूत 138 29 भवन्ति, यथा वा विरतो 138 33 अन्तशः शरीराहारादि 138 39 लोग इत्यादि 139 2 अकुर्वाणस्य तत् परि° 139 27 वइ त्ति (वई इति-प्र०) सुब्व्य
135
136
124
138
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org