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उन्हीं को !
महाश्रमण महावीर का -- प्रभास्वर जीवन चित्र मैंने, अनुभूति की आँखों से देखा ;
शास्त्र एवं
और देखा इतिहास के चश्मे से भी ! दोनों का समन्वित रूप, जिन्हें पसन्द है, उन्हीं - - चिन्तकों को .....!
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उपाध्याय अमर मुनि
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