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पधवलासहिदे कसायपाहुडे [विदिविहत्ती ३ एदमप्पाबहुअं सव्वमग्गणासु जाणिण जोजेयच्छ । एवं 'तह हिदीए' तिजं पदं तस्स अत्थपरूवणा कदा। एवं कदाए हिदिविहत्ती समत्ता।
हिदिविहत्ती समत्ता।
इस अल्पबहुत्वकी सब मार्गणाओंमें जानकर योजना करनी चाहिए। इस प्रकार गोथा २२ में जो 'तह हिदीए' पद आया है उसको अर्थप्ररूपणा की। इस प्रकार करने पर स्थितिविभक्ति समाप्त होती है।
स्थितिविभक्ति समाप्त ।
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