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________________ ४, २, ६, ५०. ] वेयणमहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंध द्वाणपरूवणा [ १७३ मुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपज्जत्तस्स उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमे इंदियपज्जत्तयस्स उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपत्तयस्स गामागोदाक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहण्णिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपजत्तयस्स जहणिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियअपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियअपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियपजत्तयस्स चदुष्णं कम्माणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपञ्जत्तयस्स चदुण्णं कमाणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपजत्तयस्स मोहणीयस्स जहण्णिया आबाहा संखेज्जगुणा । सुहुमेइंदियपञ्जत्तयस्स मोहणीयस्स जहण्णिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपजत्तस्स मोहणीयस्स जहणिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियअपजत्तयस्स मोहणीयस्स जहणिया आचाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियअपज्जत्तयस्स मोहणीयस्स उवकस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियअपजत्तयस्स मोहणीयस्स उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । सुहुमेइंदियपज्जत्तयस्स मोहणीयस्य उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । बादरेइंदियपजत्तयस्स मोहणीयस्स बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तक के उनकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके उनकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कमकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कमोंकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक | बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके उनकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार कर्मोंकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार कमौंकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार कमोंकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कर्मोंकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कमकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके मोहनीयकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्यातकके मोहनीय की जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तक के मोहनीयकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके मोहनीयकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तक के मोहनीयकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। बादरए केन्द्रिय अपर्याप्त मोहनीयकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तक के मोहनी की उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्यातक के मोहनीयकी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001405
Book TitleShatkhandagama Pustak 11
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Balchandra Shastri, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1995
Total Pages410
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size10 MB
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