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२०८ इक्लंडाममै वैयणाख
[४, २, ७,५८. __अंतोमुहुत्तेण कालगदसमाणो पुवकोडाउएसु मणुसेसुववण्णो ॥ ५८ ॥
पज्जत्तीयो समाणिय जाव अंते मुद्दत्तमेतकालो विस्समण परभवियाउभं बंधिय पुणो विस्समणोदिकिरियाहि जाव ण गो ताव कालं ण करेदि त्ति अंतोमुहुत्तेण कालगों ति मणिरं । बहुकालं संजमगुणसेडीए संचिदकम्मणिज्जरणटुं पुवकोडाउएसु मणुसेसुववण्णो ति मणिदं। (सब्बलहुं जोणिणिक्खमणजम्मणेण जादो अवस्सीओ ॥५९॥
गन्मम्मि पदिदपढमसमयप्पहुडि के वि सत्तमासे गम्भे अच्छिण गम्भादो णिस्सरंति, के वि अट्टमासे, के वि णवमासे, के वि दसमासे अच्छिद्ण गन्भादो णिप्फिडंति । तत्थ सम्बलहुं गम्मणिक्खमणजम्मणवयणण्णहाणुववतीदो सतमासे गम्भे अच्छिदो त्ति घेत्तम्यं । (गम्भादो णिक्खमणं गम्भणिक्खमणं, गन्भणिक्खमणमेव जम्मणं गम्भणिक्खमणजम्मणं, तेण गम्भणिक्खमणजम्मणेण जादो अहवस्सीओ । गम्भादो णिपखंतपढमसमयप्पहुडि अहवस्सेसु
अन्तर्मुहूर्त कालमें मृत्युको प्राप्त होकर पूर्वकोटि आयुवाले मनुष्योंमें उत्पन्न हुआ ॥५८॥
पर्याप्तियोको पूर्ण कर अन्तर्मुहूर्त काल तक विश्राम करता है, तथा परभव सम्बन्धी मायुका बम्ध कर अब तक पुनः विश्राम आदि क्रियाको नहीं प्राप्त होता तर तक मरणको प्राप्त नहीं होता, इसीलिये ' अन्तर्मुहूर्तमें मृत्युको प्राप्त होकर' ऐसा कहा है। बहुत काल तक संयमगुणश्रेणिके द्वारा संचित कमौकी निर्जरा कराने के लिये 'पूर्वखोरि मायुवाले मनुष्योंमें उत्पन्न हुआ' ऐसा कहा है।
___ सर्वलघु कालमें योनिसे निकलने रूप जन्मसे उत्पन्न हो कर भाठ वर्षका हुआ ॥५९॥
गर्भमें मानके प्रथम समयसे लेकर कोई सात मास गर्भमें रहकर उससे निकलते , कोई माठ मास, कोई नौ मास और कोई दस मास रहकर गर्भसे निकलते हैं। उसमें चूंकि सर्वलघु कालमें गर्भसे निकलने रूप जन्मका कथन अन्य प्रकारसे बन नहीं सकता, अत: 'सात माल गर्भमें रहा' ऐसा ग्रहण करना चाहिये ।गर्भसे निष्क्रमण गर्भनिष्क्रमण, गर्भनिष्क्रमण रूप जन्म गर्भनिष्क्रमणजन्म सि प्रकार यहां तत्पुरुष और कर्मधारय समास है ], उस गर्भनिष्क्रमण रूप जन्मसे उत्पन्न होकर माठ घर्षका
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अ-मा-काप्रति परमवियाउ घेण प्रमो', तापतौ 'परमवियाउअक्षण पुणो' पति पाठः।
-अमबिबिस्सबागादि'इति पाठः। -आ-ताप्रतिषु 'जावणयगदोपति पाठः।
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