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________________ १३० छक्खंडागमे वैयणाखंड [४, २, ४, ३६. णिया संखेज्जगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया । पंचहि आगरिसाहि आउवं बंधमाणस्स पंचमीए आगरिसाए आउवबंधगद्धा जहणिया संखेज्जगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया। अट्ठहि आगरिसाहि आउअं बंधमाणस्स चउत्थीए आगरिसाए आउवबंधगद्धा जहणिया संखेज्जगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया। सत्तहि आगरिसाहि आउअं बंधमाणस्स चउत्थीए आगरिसाए आउअबंधगद्धा जहणिया संखज्जगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया । छहि आगरिसाहि आउअं बंधमाणस्स चउत्थीए आगरिसाए आउवबंधगद्धा जहणिया संखेज्जगुणा। सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया । पंचहि आगरिसाहि आउअं बंधमाणस्स च उत्थीए आगरिसाए आउवबंधगद्धा जहणिया संखेज्जगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया । चउहि आगरिसाहि आउअं बंधमाणस्स च उत्थीए आगरिसाए आउवबंधगद्धा जहणिया संखेज्जगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया । अट्ठहि आगरिसाहि आउभं बंधमाणस्स तदियाए आगरिसाए आउवबंधगद्धा जहणिया संखेनगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया । सत्तहि आगरिसाहि आउअं बंधमाणस्स तदियाए आगरिसाए आउअधगद्धा जहणिया संखेज्जगुणा । सा चेव उक्कस्सिया विसेसाहिया । [छहि आगरिसाहि आउअं बंधमाणस्स तदियाए आगरिसाए है। पांच अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेवालेके प्राप्त होनेवाला पांचवें अपकर्षमें जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्तसे संख्यातगुणा है। वही उत्कृष्ट काल अपने जघन्य से विशेष अधिक है। आठ अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेवाले के प्राप्त होनेवाला चौथे अपकर्षमें जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्तसे संख्यातगुणा है। वही उत्कृष्ट काल अपने जघन्यसे विशेष अधिक है । सात अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेवालके प्राप्त होनेवाला चौथे अपकर्षमें जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्त से संख्यात गुणा है । वही उत्कृष्ट काल अपने जघन्यसे विशेष अधिक है । छह अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेवाले के प्राप्त होनेवाला चौथे अपकर्ष में जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्तसे संख्यातगुणा है। वही उत्कृष्ट काल अपने जघन्यसे विशेष अधिक है। पांच अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेवालेके चौथे अप. कर्षमें प्राप्त होनेवाला जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्तले संख्यातगुणा है। वही उत्कृष्ट काल अपने जघन्यसे विशेष अधिक है । चार अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेवालेके चतुर्थ अपकर्षमें प्राप्त होनेवाला जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्तसे संख्यातगुणा है। वही उत्कृष्ट काल अपने जघन्यसे विशेष अधिक है । आठ अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेवालेके तृतीय अपकर्ष में प्राप्त होनेवाला जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्त से संख्यातगुणा है। वही उत्कृष्ट काल अपने जघन्यसे विशेष अधिक है । सात अपक्ष द्वारा आयु बांधनेवालेके तृतीय अपकर्ष में प्राप्त होनेवाला जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्तसे संख्यातगुणा है। यही उत्कृष्ट काल अपने जघन्यसे विशेष अधिक है । [छह अपकर्षों द्वारा आयु बांधनेबालेके तृतीय अपकर्षमें प्राप्त होनेवाला जघन्य आयुबन्धककाल पूर्वोक्तसे संख्यातगुणा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001404
Book TitleShatkhandagama Pustak 10
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1954
Total Pages552
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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