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हुआ दीर्घ
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(१२)
षट्खंडागमकी प्रस्तावना पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध
शुद्ध गुणित और घोलमान पर्याप्त. गुणितघोलमान जीवोंके पर्याप्तकालोसे कालोसे दीघ अपर्याप्तकाल दीर्घ हैं । अपर्याप्तकाल थोड़े हैं।
थोडे ३७ १६ क्षपितकर्माशिकके क्षपित- क्षपितकर्माशिक, क्षपितघोलमान और
गुणित और घोलमान गुणितघोलमानके , १८ हुआ भी दीर्घ ३८ १५ क्षपितकोशिकके क्षपित- क्षपितकर्माशिक, क्षपितघोलमान और गुणित और घोलमान
गुणितघोलमान सव्वभागहारण .
सव्वभागहाराण नद्धदव्वस्स
लद्धदव्वस्स होहि अंक संदृष्टिकी
अंकसंदृष्टिकी बंधेसमयादो
बंधसमयादो स्थितिका
स्थितिके असंख्यातवे भागमें
असंख्यात बहुभागका -णुववत्तीदो पुधभूद
-णुववत्तीदो जोगादो पुधभूद४ जोगो चेव जवो तस्स मज्झं । जोगो चेव जवो [ जोगजवो ] तस्स मज्झं जवमझ
[जोग.] जवमज्झं यवमध्य
[ योग] यवमध्य अवहिरि देसु
अवहिरिदेसु
१; द्वि. नि. १४२२ ४ एगससयसत्तिहिदिविसेसादो एगसमयसत्तिहिदिसेसादो , १० णिक्खेवाणभावादो णिक्खेवाणमभावादो , २१ गुणित और घोलमान
गणितघोलमान
३ प्रतिषु ' सत्तिहिदिविसेसादो' इति पाठः । ११२ १२ ४०५० , ३० xxx
प्रतिषु ४०५० इति पाठः। १२० ११ सणावरणीय-अंतराइयाणं दंसणावरणीय-[वेयणीय-] अंतराइयाणं , २६ दर्शणावरणीय व
दर्शणाबरणीय, [वेदनीय ] व १२५ ११ णिसेगे
णिसेगो १३१ संदृष्टिमें १९४ १३४ ७ अवणिद
अवणिदे
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४११, १७२२
१३४ २१ ७+ १४७
१४. १ दियड्ड
दिवन
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