________________
२८१
२५२
२६२ /
३२५
षट्खंडागमकी प्रस्तावना क्रम. विषय पृष्ठ | क्रम नं. विषय - पृष्ठ १०६ स्थापनाकृतिकी प्ररूपणामें
२२० द्रव्यप्ररूपणानुगम काष्ठकर्म आदिका स्वरूपं २४८ | १२१ क्षेत्रानुगम
२८५ १०७ आगमद्राव्यकृतिकी प्ररू
१२२ स्पर्शनानुगम
२८७ पणामें स्थित-जित आदि नौ १२३ कालानुगम -
२९१ अधिकारोंका स्वरूप २५१ १२४ अन्तरानुगम
३०४ १०८ वाचनाका स्वरूप व उसके
१२५ आवानुगम
३१५ चार भेद २५२.१२६ अल्पबहुत्वानुगम
३१८ १०१ व्याख्याताओं व श्रोताओंके
१२७ प्रन्थकृतिका प्ररूपणा . ३२१ लिये द्रव्य, क्षेत्र, काल · व
करणकृतिप्ररूपणा ३२४-४५१ भावसे शुद्धिकरणका विधान २५३
| १२८ मूलकरणकृतिके भेद ११० सूत्रसम आदिका स्वरूप
३२४ १११ उक्त स्थित-जित आदि नौ
१२९ औदारिक, वैक्रियिक ष अधिकारविषयक उपयोग व
आहारकशरीरमूलकरणउसके भेद
कृतिके संघातनादि तीन
भेदोंकी प्ररूपणा ११२ कृतिके विषयमें आठ प्रकारके उपयोगकी प्ररूपणा
१३० तैजस व कार्मणशरीर
२६३ ११३ नैगमादिक नयोंकी अपेक्षा
सम्बन्धी परिशातन व
संघातनपरिशातन कृतियों की अनुपयुक्तकी प्ररूपणा
२६४ प्ररूपणा
३२८ ११४ नोआगमद्रव्यकृतिके तीन भेदोंमें शायकशरीरद्रव्य
१३१ मूलकरणकृतियों की प्रककृतिके स्थित आदि नौ अनु.
पणामें पदमीमांसा
३२९ १३२ स्वामित्व योगोंका स्वरूप
१३३ अल्पबहुत्व ११५ शायकशरीरद्रव्यकृतिका
१३४ सत्प्ररूपणा
३५४ स्वरूप ११६ भावी नोआगमद्रव्यकृतिका
१३५ द्रव्यप्रमाण
१३६ क्षेत्रानुगम स्वरूप ११७ तदव्यतिरिक्त नोआगमद्रव्य
३७० १३७ स्पर्शनानुगम
१३८ कालानुगम कृतिके ग्रन्थिम-वाइम आदि
१३९ अन्तरानुगम अनेक भेद व उनका स्वरूप १४० भावानुगम
४२८ गणनकृतिप्ररूपणा २७४-३२१ १४१ स्वस्थान अल्पबहुत्व
४२९ ११८ गणनकृतिका स्वरूप व
१४२ परस्थान अल्पवहुत्व
४३८ उसके भेद
२७४ १४३ उत्तरकरणकृतिका स्वरूप ११९ कृति, नोकृति व अवक्तव्य
व भेद
४५० . कृतिकी प्ररूपणामें प्रथमानु
१४४ भावकृतिका स्वरूप
४५१ गम आदि चार अनुयोगद्वार २७७ / १४५ गणनकृतिकी प्रधानता.. ४५२
३५८
४०२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org