SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org गुणस्थान १ मिध्यादृष्टि २ सासादनसम्यग्दृष्टि ३ सम्यग्मिध्यादृष्टि ४ असंयतसम्यग्दृष्टि ५ संयतासंयत ६ प्रमचसंयत ७ अप्रमत्तसंयत ८ अपूर्वकरण ९ अनिवृत्तिकरण १० सूक्ष्मसाम्पराय ११ उपशान्तकषाय १२ क्षीणमोह १३ सयोगिकेवली १४ अयोगिकेवली जघन्य नाना जीवोंकी अपक्षा एक समय J उपशा. क्षपक. उपशा. क्षपक. उपशा. एक समय क्षपक. ******* निरन्तर एक समय निस्तर परयोपमका असंख्या | तव भाग "" उत्कृष्ट निस्तर वर्षपृथक्व छह मास वर्षपृथक्त्व छह मास वर्षपृथक्त्व छह मास वर्ष पृथक्त्व छह मास छह मास गुणस्थानोंकी अपेक्षा जीवोंके अन्तर भाव और अल्पत्वका प्रमाण एक जीवकी अपेक्षा अन्तर पत्योपमका असंख्यातर्वा माग अन्तर्मुहूर्त "" जघन्य ===== | देशोन दो व्यासठ सागरोपम अर्धपुद्गल परिवर्तन "" निरन्तर निरन्तर निरन्तर निरन्तर " कृष् "" "" भाव { औदयिक पारिणामिक क्षायोपशमिक औपशमिक क्षायिक क्षायोपशमिक क्षायोपशमिक उपशा. औपशमिक { क्षपक. उपशा. औपशमिक क्षपक. क्षायिक उपशा. औपशमिक क्षपक. क्षायिक औपशमिक क्षायिक क्षपक { गुणस्थान अपूर्वकरण अनिवृत्तिकरण सूक्ष्मसाम्पराय उपशान्तकषाय अपूर्वकरण अनिवृत्तिकरण सूक्ष्मताम्पराये क्षीणकषाय सयोगिकेवली अयोगिकेवली सयोगिकेवली अप्रमतसंयत प्रमत्तसंयत संयतासंयत सासादनसम्यग्दृष्टि सम्यग्मिथ्यादृष्टि असंयत सम्यग्दृष्टि मिथ्यादृष्टि अल्पबहुत्व (पु. ५ प्रस्ता. पृ. ४३ अ ) सबसे कम पूर्वोक्त प्रमाण संख्यातगुणित प्रमाण 33 "" पूर्वोक्त प्रमाण 33 33 36 पूर्वोक्त प्रमाणसे 33 " संख्यातगुणित असंख्यात गुणित संख्यातगुणित असंख्यातगुणित अनन्तगुणित अपेक्षा प्रवेश और संचय RARR संचय "" ******
SR No.001399
Book TitleShatkhandagama Pustak 05
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1942
Total Pages481
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy