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ओघं।
(२०)
परिशिष्ट सूत्र संख्या
सूत्र पृष्ठ सूत्र संख्या सूत्र पृष्ठ ४६ आभिणिबोहिय-सुद-ओधिणा- ५७ ओहिदंसणी ओहिणाणिभंगो। २२९
णीसु असंजदसम्मादिटिप्पहुडि | ५८ केवलदंसणी केवलणाणिभंगो। , जाव खीणकसायवीदरागछदु
५९ लेस्साणुवादेण किण्हलेस्सियमत्था ओघं ।
२२५
णीललेस्सिय काउलेस्सिएसुचदु४७ मणपज्जवणाणीसु पमत्तसंजद- हाणी ओघं।
प्पहाडि जाव खीणकसायीद- ६० तेउलेस्सिय-पम्मलेस्सिएसु मिच्छारागछदुमत्था ओघं।
दिट्टिप्पहुडि जाव अप्पमत्त४८ केवलणाणीसु सजोगिकेवली
संजदा त्ति ओघं ।
" (अजोगिकेवली) ओघं । "
|६१ सुक्कलेस्सिएसु मिच्छादिहि- .. ४९ संजमाणुवादेण संजदेसु पमत्त
| पहुडि जाव सजोगिकेवलि त्ति संजदप्पहुडि जाव अजोगिकेवली ओघं ।
२२७
| ६२ भविषाणुवादेण भवसिद्धिएमु ५० सामाइयछेदोवट्ठावणसुद्धिसंजदेसु
मिच्छादिटिप्पहुडि जाव अजोगिपमत्तसंजदप्पहुडि जाव अणि
केवलि त्ति ओघ । यट्टि त्ति ओघं ।
" ५१ परिहारसुद्धिसंजदेसु पमत्त-अप्प
६३ अभवसिद्धिय त्ति को भावो, मत्तसंजदा ओघं।
. पारिणामिओ भावो। " ५२ सुहुमसांपराइयसुद्धिसंजदेसु सुहु
"६४ सम्मत्ताणुवादेण सम्मादिट्ठीसु मसांपराइया उवसमाखवा ओघं। , |
| असंजदसम्मादिट्टिप्पहुडि जाव
__ अजोगिकेवलि त्ति ओघं। २३१ ५३ जहाक्खादविहारसुद्धिसंजदेसु चदुट्ठाणी ओघ ।
२२८ | ६५ खइयसम्मादिट्ठीसु असंजद
सम्मादिहि त्ति को भावो, ५४ संजदासजदा ओघं। । खइओ भावो।
" ५५ असंजदेसु मिच्छादिढिप्पहुडि
६६ खइयं सम्मत्तं । जाव असंजदसम्मादिट्टि ति ओघं ।
६७ ओदइएण भावेण पुणो असंजदो। २३२ ५६ दंसणाणुवादेण चक्खुदंसणि- ६८ संजदासंजद-पमत्त-अप्पमत्त
अचक्खुदंसणीसु मिच्छादिट्ठि- संजदा त्ति को भावो, खओवप्पहुडि जाव खीणकसायवीद
समिओ भावो। रागछदुमत्था त्ति ओघं । .., । ६९ खइयं सम्मत्तं ।
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