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________________ Jain Education I For Private & Personal Use Only मार्गणा www.jainelibrary.org ११ भव्यमार्गणा १२ सम्यक्त्वमार्ग ०. मार्गणा अवान्तर भेद १० लेश्यामार्गणा २ तेज १३ संशिमार्गणा ཐ ཝ ཟླ, སྐྱ ། नील कापोत शुरू ( अलेश्य | भव्य अभव्य 'औपशमिकसम्यक्त्व क्षायोपशमिक, क्षायिक सम्यग्मिय्यादृष्टि सासादन सम्यग्दृष्टि मिथ्यादृष्टि संज्ञी असंही १४ आहारमार्गणा आहारक अनाहारक "" सर्वलोक लोकका असंख्यातवां भाग 64 { क्षेत्र "3 लोकका असंख्यातवां भाग 23 33 "7 33 सर्वलोक 33 33 39 असंख्यात बहु" सर्वलोक लोकका असंख्यात " 33 33 " असंख्यात बहु, सर्वलोक लोकका असंख्यातवां भाग "3 "3 " असंख्यात बहु, सर्वलोक लोकका असंख्यातवां भाग 33 लोकका असंख्यातवां भाग सर्वलोक वर्तमानकालिक सर्वलोक लोकका असंख्यातवां भाग "" 2 33 लोकका असंख्यातवां भाग सर्वलोक "" 64 " सर्वलोक लोकका असंख्यातवां ” " असंख्यात बहु" 33 असंख्यात बहु" 39 सर्वलोक :::: "" लोकका असंख्यातवां भाग 37 33 "" ," असंख्यात बहु सर्वलोक लोकका असंख्यातवां भाग 2 " लोकका असंख्यातवां भाग सर्व लोक स्पर्शन अतीत अनागतकालिक सर्वलोक देशीन राज सर्वलोक | देशोन राज सर्वलोक (देशोन "3 "" 33 १४ लोकका असंख्यातवां भाग असंख्यात बहु " सर्वलोक लोकका असंख्यातवां भाग सर्वलोक राजु और राजु "" " असंख्यात बहु" "" देशोन राज राज 33 37 22 लोकका असंख्यातवां भाग "" सर्वलोक " असंख्यात बहु" सर्वलोक देशोन राज और से देशोन राज सर्वलोक 33 33 राजु नानाजी अपेक्षा सर्वकाल अन्तर्मुहूर्त 13 "" "" सर्वका ल अन्तर्मुहूर्त परल एकसमय सर्वक अन्तमुहूर्त अन्तर्मुहूर्त प एकसमय सर्वक 37 पो. असं भाग 33 " जघन्यकाल अन्तर्मुहूर्त 73 "" " यो. असं. भाग अन्तर्मुहूर्त एकसमय अन्तर्मुहूर्त " एकसमय "" 33 अन्तर्मुहूर्त 33 x एकसमय अन्तर्मुहूर्त काल क्षुद्रभवप्रण अन्तर्मुहूर्त एकसमय 23 साधिक तेतीस सागरोपम "" "7 " एकजीवकी अपेक्षा उत्कृष्टकाल सतरह 23 अन्तर्मुहुर्त सात दो अठारह " तेतीस 77 39 " "3 देशोन अर्धपुद्गलपरिवर्तन अनादि अनन्त अन्तर्मुहूर्त साधिक छ्यासठ सागरोपम तेतीस "" अन्तर्मुहूर्त देशोन अर्धपुद्गलपरिवर्तन सागरोपम शतपृथक्त्व अनन्तकाल असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन { असंख्यातासंख्यात उत्सर्पिणी 'अवसर्पिणी तीन समय, अन्तर्मुहूर्त
SR No.001398
Book TitleShatkhandagama Pustak 04
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1942
Total Pages646
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size14 MB
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