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३७० छखंडागमे जीवहाणं
[१, २, १०२. संपहि वणप्फइपरत्थाणप्पाबहुगं वत्तइस्सामो। सव्वत्थोवा बादरवणप्फइकाइया । सुहुमवणप्फइकाइया असंखेज्जगुणा। एवं विदियं पि। णवरि वणप्फइकाइया विसेसाहिया । अहवा सवत्थोवा बादरवणप्फइकाइयपज्जत्ता। बादरवणप्फइकाइयअपज्जत्ता असंखेजगुणा । को गुणगारो ? असंखेज्जलोगा। सुहुमवणप्फइकाइयअपज्जत्ता असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? असंखेज्जलोगा । सुहुमवणप्फइकाइयपज्जत्ता संखेज्जगुणा । को गुणगारो ? संखेजसमया । एवं चउत्थं पि । णवरि वणप्फइकाइया विसेसाहिया । अहवा सव्वत्थोवा बादरवणप्फइपज्जत्ता । बादरवणप्फइकाइयअपज्जत्ता असंखेज्जगुणा । बादरवणप्फइकाइया विसेसाहिया । केत्तियमेत्तेण ? बादरवणप्फइकाइयपज्जत्तमेत्तेण । सुहुमवणप्फइकाइयअपज्जत्ता असंखेज्जगुणा । को गुणगारो? असंखेजा लोगा। सुहुमवणप्फइकाइयपज्जत्ता संखेजगुणा । सुहुमवणफइकाइया विसेसाहिया । केत्तियमेतेण ? सुहुमवणप्फइकाइयअपज्जत्तमेत्तेण । एवं छठें पि । णवरि वणप्फइकाइया विसेसाहिया । अहवा सव्वत्थोवा धादरवणप्फइ
___ अब वनस्पतिकायिक जीवोंके परस्थान अल्पबहुत्वको बतलाते है-बादर वनस्पतिकायिक जीव सबसे स्तोक हैं । सूक्ष्म वनस्पतिकायिक जीव उनसे असंख्यातगुणे हैं। इसीप्रकार दूसरा विकल्प भी है। इतनी विशेषता है कि वनस्पतिकायिक जीव सूक्ष्म वनस्पतिकायिक जीवोंसे विशेष अधिक हैं। अथवा, बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्त जीव सबसे स्तोक हैं। बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव उनसे असंख्यातगुणे हैं । गुणकार क्या है? असंख्यात लोक गुणकार है । सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तोंसे असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? असंख्यात लोक गुणकार है। सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्त जीव सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तोंसे संख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है। इसीप्रकार चौथा विकल्प भी है। इतनी विशेषता है कि वनस्पतिकायिक जीव सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तोसे विशेष अधिक हैं । अथवा, बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्त जीव सबसे स्तोक हैं। बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव
असंख्यातगणे हैं। बादर वनस्पतिकायिक जीव बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तोंसे विशेष अधिक हैं। कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं ? बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं । सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव बादर वनस्पतिकायिकोंसे असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? असंख्यात लोक गुणकार है। सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्त जीव सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तोंसे संख्यातगुणे हैं। सूक्ष्म वनस्पतिकायिक जीवसूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तोंसे विशेष अधिक हैं। कितनेमात्र विशेषसे अधिक है ? सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक है। इसीप्रकार छठवां विकल्प भी है। इतनी विशेषता है कि वनस्पतिकायिक जीव सूक्ष्म वनस्पतिकायिकोंसे विशेष अधिक हैं। अथवा, बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्त जीव सबके स्तोक हैं । बादर
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