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________________ १, २, ५.] दव्वपमाणाणुगमे मिच्छाइडिपमाणपख्वणं सव्यजीवरासी आगच्छदि । एत्थ वि कारणं पुव्वं व वत्तव्यं । एवं संखेजभागब्भहियसव्यजीवरामिणा तस्सुवरिमवग्गे भागे हिदे किमागच्छदि ? संखेज्जभागहीणसव्यजीवरासी आगच्छदि । उक्कस्ससंखेज्जभागब्भहियसव्वजीवरासिणा तदुवरिमवग्गे भागे हिदे किमागच्छदि ? जहण्णपरित्तासंखेज्जभागहीणसव्वजीवरासी आगच्छदि । असंखेज्जभाग भहियसबजीवरासिणा तदुवरिमवग्गे भागे हिदे किमागच्छदि ? असंखेज्जभागहीणसधजीवरासी आगच्छदि । उक्कस्स-असंखेज्जासंखज्जभागभहियसव्यजीवरासिणा तदुवरिमवग्गे भागे हिदे किमागच्छदि ? जहण्णपरित्ताणंतभागहीणसव्वजीवरासी आगच्छदि । अधिक विरलन राशिके प्रत्येक एकके ऊपर दे देने पर चौथा भाग हीन संपूर्ण जीवराशि आ जाती है। उदाहरण ( बीजगणितसे)- २ क = क - क क+ क+ क न+१+ - क ( अंकगणितसे )- (१६ का तीसरा भाग ५३ है, अतः तृतीय भाग ५१+१६=२१३ का २५६ में भाग देने पर १२ आते हैं, जो जीवराशि १६ का चौथा भाग हीन है।) शंका- इसीप्रकार संख्यातवां भाग अधिक संपूर्ण जीवराशिका संपूर्ण जीवराशिके उपरिम वर्गमें भाग देने पर क्या आता है ? समाधान -- संख्यातवां भागहीन संपूर्ण जीवराशि आती है। उदाहरण (बीजगणितसे )- क . न ... क न+१ '' न शंका-उत्कृष्ट संख्यातवां भाग अधिक संपूर्ण जीवराशिका संपूर्ण जीवराशिके उपरिम वर्गमें भाग देने पर क्या आता है ? समाधान - जघन्य परीतासंख्यातवां भाग हीन संपूर्ण जीवराशि आती है। शंका- असंख्यातवां भाग अधिक संपूर्ण जीवराशिका संपूर्ण जीवराशिके उपरिम वर्गम भाग देने पर क्या आता है ? समाधान-असंख्यातवां भाग हीन संपूर्ण जीवराशि आती है। शंका-- उत्कृष्ट असंख्यातासंख्यातयां भाग अधिक संपूर्ण जीवराशिका संपूर्ण जीपराशिके उपरिम धर्गमें भाग देने पर कौनसी राशि आती है ? समाधान-जघन्य परीतानन्तवां भाग हीन संपूर्ण जीवराशि आती है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001397
Book TitleShatkhandagama Pustak 03
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1941
Total Pages626
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size15 MB
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