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(९२) २. श्रुतज्ञानके भेद-प्रभेदोंका स्वरूप ९६ ३ सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थान ३. आग्रायणीय पूर्वके १४ अर्थाधिकार ४. असंयतसम्यग्दृष्टि , १७० और जीवट्ठाण खंडके अन्तर्गता
५. संयतासंयत धिकारोंकी उत्पत्ति
१२३ ६. प्रमत्तसंयत ७. अग्रमत्तसंयत
१७८ विषयकी उत्थानिका १३२-१५९
८. अपूर्वकरण
९. अनिवृत्तिकरण १४ चौदह मार्गणाओंका सामान्य स्वरूप
१०. सूक्ष्मसाम्पराय
१८७ निरूपण
१३२-१५३ ११. उपशान्तकषाय
१८८ १. गतिमार्गणा
१३४ १२. क्षीणकपाय
१८९ २. इन्द्रियमार्गणा
१३. सयोगकेवली ३, कायमार्गणा
१४. अयोगकेवली ,, १९२ ४. योगमार्गणा
१५. सयोगी और अयोगीके मनका ५. वेदमार्गणा
१४०
अभाव होनेपर केवलज्ञानकी ६. कषायमार्गणा
सयुक्तिक सिद्धि
१९२ ७. ज्ञानमार्गणा
१४२
१६. सिद्धस्वरूप-निरूपण ८. संयममार्गणा
१७. मार्गणाओंमें गुणस्थान-निरूपण २०१-४१० ९. दर्शनमार्गणा
१. गतिभेद-निरूपण
२०१ १०. लेश्यामार्गणा
२. नरकगतिमें गुणस्थान-प्रतिपादन २०४ ११. भव्यमार्गणा
३. तिर्यंचगतिमें , , २०७ १२. सम्यक्त्रमार्गणा
४. मनुष्यगतिमें , , २१० १३. संज्ञिमार्गणा
५. उपशमविधि-निरूपण २१० १४. आहारमार्गणा
६. क्षपणविधि , . २१५ १५ अनुयोगद्वारके आठों भेदोंका
७. देवगतिमें गुणस्थान-निरूपण २२५ सोपपत्तिक निरूपण
८. शुद्ध-तिर्यंचोंका , २२७ ४
९. मिश्र-तिर्यंचोंका , २२८ सत्प्ररूपणा १५९-४१० १०. मिश्र और शुद्ध मनुष्योंका ,, २३१ १६ ओघ और आदेशकी प्रतिज्ञा
११. इन्द्रियमार्गणाके भेद २३१ तथा गुणस्थान-निरूपण १५९-२०० १२. इन्द्रियोंके भेद-प्रभेदोंका खरूप २३२ १. मिथ्यादृष्टिगुणस्थान १६१ १३. एकेन्द्रिय जीवोंके भेद २४९ २. सासादनसम्यग्दृष्टि गुण० १६३ १४. पर्याप्ति-निरूपण
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