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अज्झवसाणसमुदाहारे अप्पाबहुरं याव अणाहारग त्ति णेदव्वं । एवं अप्पानहुगं समत्तं ।
_एवं वड्डिबंधो समत्तो
अज्झवसाणसमुदाहारो पमाणाणुगमो १५४. अज्झवसाणसमुदाहारे त्ति तत्थ इमाणि दुवे अणियोगद्दाराणि-पमाणाणुगमो अप्पाबहुगे त्ति । पमाणाणुगमेण णाणावरणीयस्स असंखेंजाणि पदेसबंधट्ठाणाणि जोगट्ठाणेहिंतो संखेंजदिमागुत्तराणि । अट्ठविधबंधगेण ताव सव्वाणि जोगट्ठाणाणि लद्धाणि । तदो सत्तविधबंधगस्स उकस्सगादो अट्ठविधबंधगस्स उकस्सगं सुद्धं । सुद्धसेसं यावदियो भागो अधिद्वित्तो' जोगट्ठाणं तदो सत्तविधबंधगेण विसेसो लद्धो । एवं सत्तविधबंधगस्स छविधबंधगेण उवणिदा। एदेण कारणेण णाणावरणीयस्स असंखेंजाणि पदेसबंधट्ठाणाणि जोगट्ठाणेहितो संखेंजभागुत्तराणि । एवं सत्तणं कम्माणं ।
एवं पमाणाणुगमे त्ति समत्तं ।
अप्पाबहुआणुगमो १५५. अप्पाबहुगं०-सव्वत्थो० णाणावरणीयस्स जोगट्ठाणाणि। पदेसबंधडाणाणि विसेसाधियाणि । एवं सत्तण्णं कम्माणं । आउगस्स जोगहाणाणि पदेसबंधढाणाणि सरिसाणि । एदेण कारणेण आउगस्स अप्पाबहुगं णत्थि ।
___ एवं अप्पाबहुगं समत्तं । अधिक हैं। इसप्रकार इस बीज पदके अनुसार अनाहारक मार्गणा तक अल्पबहुत्व ले जाना चाहिए।
इस प्रकार अल्पबहुत्व समाप्त हुआ।
अध्यवसानसमुदाहार प्रमाणानुगम १५४. अध्यवसानसमुदाहारका प्रकरण है। उसमें ये दो अनुयोगद्वार होते हैंप्रमाणानुगम और अल्पबहुत्व । प्रमाणानुगमकी अपेक्षा ज्ञानावरणीय कर्मके असंख्यात प्रदेशबन्ध स्थान हैं जो योगस्थानोंसे संख्यातवें भागप्रमाण अधिक हैं। आठ प्रकारके कर्मोके बन्धक जीवने सब योगस्थान प्राप्त किये हैं। उससे सात प्रकारके बन्धकके उत्कृष्टसे आठ प्रकारके बन्धकका उत्कृष्ट शुद्ध है । तथा इस शुद्धसे शेष जितना भाग योगस्थानको प्राप्त हुआ है उससे सात प्रकारके कर्मों के बन्धकने विशेष प्राप्त किया है। इसी प्रकार सात प्रकारके बन्धकका छह प्रकारके कर्मोके बन्धकने प्राप्त किया है। इस कारणसे ज्ञानावरणीय कमके असंख्यात प्रदेशबन्धस्थान हैं जो योगस्थानोंसे संख्यातवें भागप्रमाण अधिक हैं। इसी प्रकार सात कोंके विषयमें जानना चाहिए।
इस प्रकार प्रमाणानुगम समाप्त हुआ।
अल्पबहुत्वानुगम १५५. अल्पबहुत्व-ज्ञानावरणीय कर्मके योगस्थान सबसे स्तोक हैं। इनसे प्रदेशबन्धस्थान विशेष अधिक हैं । इसी प्रकार सात कर्मोकी अपेक्षा जानना चाहिए। आयुकर्मके योगस्थान और प्रदेशबन्धस्थान समान हैं । इस कारण आयुकर्म की अपेक्षा अल्पबहुत्व नहीं है।
___ इस प्रकार अल्पबहुत्व समाप्त हुआ १. ताप्रतौ अदिठित्तो इति पाठः ।
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