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________________ स्थितिबन्ध १२५ १३१ विषय पृष्ठ २३ भावप्ररूपणा १२५-१२६ भावके दो भेद १२५ उत्कृष्ट भाव जघन्य भाव १२६ २४ अल्पबहुत्व १२६-१४४ अल्पबहुत्वके दो भेद १२६ जीव अल्पबहुत्व १२६-१३१ जीवअल्पबहुत्वके तीन भेद १२६ उत्कृष्ट जीव अल्पबहुत्व १२६-१२७ जघन्य जीव अल्पबहुत्व १२७ जघन्योत्कृष्ट जीव अल्पबहुत्व १२७-१३१ स्थिति अल्पबहुत्व १३१-१३३ स्थिति अल्पबहुत्वके तीन भेद उत्कृष्ट स्थिति अल्पबहुत्व १३१ जघन्य स्थिति अल्पबहुत्व जधन्योत्कृष्ट स्थिति अल्पबहुत्व १३१-१३३ भूयःस्थिति अल्पबहुत्व भूयःस्थिति अल्पबहत्वके दो भेद १३३ स्वस्थान अल्पबहुत्व १३३ परस्थान अल्पबहुत्व १३३-१४४ परस्थान अल्पबहुत्वके तीन भेद १३३ उत्कृष्ट परस्थान अल्पबहुत्व १३४-१३६ जघन्य परस्थान अल्पबहुत्व १३६-१३८ जघन्योत्कृष्ट परस्थान अल्पबहुत्व १३८-१४४ भुजगारबन्ध १४५-१७५ भुजगारबन्धके १३ अनुयोगद्वार १४५ समुत्कीर्तनानुगम १४५-१४७ स्वामित्वानुगम १४७-१४८ कालानुगम १४८-१५१ अन्तरानुगम १५१-१५७ नाना जीवोंकी अपेक्षा भङ्ग विचयानुगम १५७-१५६ भागाभागानुगम १५६-१६० परिमाणानुगम १६१-१६२ क्षेत्रानुगम १६२-१६३ स्पर्शनानुगम १६३-१६६ कालानुगम १६६-१६६ अन्तरानुगम १६६-१७२ भावानुगम १७५ विषय पृष्ठ अल्पबहुत्वानुगम १७३-१७१ पदनिक्षेप १७५-१८५ पदनिक्षेपके तीन अनुयोगद्वार १७६ समुत्कीर्तना १७५-१७२ स्वामित्व १७६-१७६ स्वामित्वके दो भेद १७६ उत्कृष्ट स्वामित्व १७६-१७६ जघन्य स्वामित्व १७६ अल्पबहुत्व १८०-१८१ अल्पबहुत्वके दो भेद १८० उत्कृष्ट अल्पबहुत्व १८०-१८१ जघन्य अल्पबहुत्व १८१ वृद्धिबन्ध १८२-२०८ वृद्धिबन्धके १३ अनुयोगद्वार १८२ समुत्कीर्तना १८२-१८४ स्वामित्वानुगम १८४-१८७ काल १८७-१८८ अन्तर १५-१६४ नाना जीवोंकी अपेक्षा भाविचय १६५ भागाभाग १६५ परिमाण १६६-१६७ क्षेत्र १६७-१९८ स्पर्शन १६८-२०१ काल २०१-२०२ अन्तर २०२-२०३ भाव अल्पबहुत्व २०३-२०८ अध्यवसान समुदाहार २०८ अध्यवसान समुदाहारके तीन भेद । प्रकृतिसमुदाहार २०६ प्रकृतिसमुदाहारके दो भेद २०६ प्रमाणानुगम २०६ अल्पबहुत्व २०६ स्थितिसमुदाहार २०६ स्थितिसमुदाहारके तीन भेद २०६ प्रमाणानुगम २०६-२१० श्रेणिप्ररूपणा व उसके दो २१०-२११ अनन्तरोपनिधा २१० परम्परोपनिधा २१०-२११ २०८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001389
Book TitleMahabandho Part 2
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1998
Total Pages494
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size12 MB
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